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बिजनेस

आरबीआई बना रहा शीर्ष 40 डिफॉल्टरों की सूची : जेटली

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योकोहामा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और संबंधित बैंक मिलकर गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) की समस्या के समाधान के लिए शीर्ष 40 डिफाल्टरों की सूची बना रहा है। इससे पहले शुक्रवार को सरकार ने एक अध्यादेश लाकर केंद्रीय बैंक को इस संबंध में और अधिक अधिकार दिए थे।

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को यहां यह बात कही है। जेटली ने एनडीटीवी से कहा, “आरबीआई बैंकों के साथ मिलकर एक सूची बना रहा है। आरबीआई को यह अधिकार दिया गया है कि वह कर्जदारों से ऋण वसूली के लिए दीवालिया प्रक्रिया शुरू करे और बैंकों द्वारा कर्ज की वसूली के लिए रास्ता सुझाने और सहयोग देने के लिए समिति गठित करे।”

उन्होंने कहा कि बुरे कर्ज की वसूली के लिए यह एक नया प्रयोग किया जा रहा है। मंत्री ने ध्यान दिलाया कि यही एक क्षेत्र है, जो उनसे संभल नहीं रहा है। हालांकि वे इसे पटरी पर लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।

जेटली ने कहा यह समस्या शीर्ष के 20-30-40 खातों में है। उन्होंने कहा, “या तो इन लोगों को साझेदारी में संयुक्त उद्यम लगाना चाहिए या फिर प्रबंधन में बदलाव लाना चाहिए।”

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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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