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योगी सरकार का युवाओं को बड़ा तोहफा, तकनीकी सशक्तिकरण के लिए बांटेगी टैबलेट-स्मार्टफोन

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लखनऊ। मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण हेतु टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है। साथ ही, समय-समय पर भविष्य में आने वाली व्यावहारिक कठिनाइयों के निराकरण हेतु योजना के अन्तर्गत किसी भी संशोधन हेतु मुख्यमंत्री जी को अधिकृत किया गया है।

कोरोना काल में विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा ऑनलाइन माध्यमों से ही अपनी शैक्षिक गतिविधियों को जारी रखा जाना सम्भव हो सका है, जिससे छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के डिजिटल सशक्तिकरण की अपरिहार्य आवश्यकता हर स्तर पर अनुभव की गई है। युवाओं को विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी नौकरियों में आवेदन करना, उनके लिए कोचिंग/प्रशिक्षण प्राप्त करना अथवा किसी अन्य रोजगार में आवेदन करने आदि के लिए भी डिजिटल माध्यमों का अधिकाधिक प्रयोग किया जा रहा है।

तकनीकी एवं शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा भी अपने अध्ययनरत छात्रों को शिक्षण सामग्री, ट्यूटोरियल लेक्चर इत्यादि का वितरण एवं प्रसारण भी ऑनलाइन माध्यमों से ही किया जा रहा है। इण्टरनेट कनेक्टिविटी के माध्यम से डेटा एक्सेस की सुविधा को भी सस्ती दरों पर प्राप्त किया जा सकता है। अतः प्रदेश के नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को शिक्षित, प्रशिक्षित एवं स्वावलम्बी बनाए जाने के लिए उन्हें स्मार्ट फोन/टैबलेट निःशुल्क प्रदान करते हुए सशक्त एवं समर्थ बनाए जाने के लिए उपलब्ध कराये जाने का प्रस्ताव है। इस निर्णय से राज्य सरकार पर प्राथमिक रूप से 3000 करोड़ रुपए का व्यय भार सम्भावित है।

प्रदेश के अन्तर्गत स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, कौशल विकास, पैरामेडिकल तथा नर्सिंग आदि विभिन्न शिक्षण/प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अन्तर्गत लाभार्थी युवा वर्ग को स्मार्ट फोन/टैबलेट निःशुल्क प्रदान करने से न केवल वह अपने शैक्षिक पाठ्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूर्ण कर सकेंगे, बल्कि उसके उपरान्त विभिन्न शासकीय/गैर शासकीय तथा स्वावलम्बन की योजनाओं में भी वे इसका सदुपयोग कर सेवारत/व्यवसायरत हो सकेंगे। प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जा सकेगा।

सेवा मित्र पोर्टल कौशल विकास विभाग की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसके माध्यम से विभिन्न कुशल कारीगरों को पंजीकृत कराकर चिन्ह्ति एजेन्सियों के माध्यम से विभिन्न नागरिक सेवाएं यथा-प्लम्बर, कारपेण्टर, नर्स, इलेक्ट्रीशियन, ए0सी0 मैकेनिक आदि जनसामान्य को प्रदान की जा रही हैं। यह प्रस्तावित है कि उन्हें भी टैबलेट/स्मार्ट फोन प्रदान करा दिए जाएं, जिससे वे नागरिकों को बेहतर सेवाएं प्रदान करते हुए अपनी जीविका भी चला सकें।

योजना के अन्तर्गत प्रस्तावित लाभार्थी वर्ग में अन्य वर्ग के युवाओं को भी समय-समय पर मुख्यमंत्री जी के अनुमोदन से सम्मिलित किया सकेगा। किस लाभार्थी वर्ग को टैबलेट प्रदान किया जाना है तथा किसे स्मार्ट फोन्स प्रदान किए जाने हैं, इसका निर्णय यथासमय मुख्यमंत्री जी के स्तर से लिया जाएगा। टैबलेट/स्मार्ट फोन के वितरण हेतु लाभार्थी वर्ग की प्राथमिकता का निर्धारण तथा चरणबद्ध क्रय के सम्बन्ध में भी निर्णय यथासमय मुख्यमंत्री जी के स्तर से लिया जाएगा।

मंत्रिपरिषद द्वारा प्रस्ताव पर अनुमोदन से प्रदेश के उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य शिक्षा, कौशल विकास प्रशिक्षण एवं आई0टी0आई0 तथा सेवामित्र पोर्टल पर पंजीकृत कुशल युवा वर्ग तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे। प्रदेश के युवाओं को तकनीकी रूप से सशक्त बनाए जाने हेतु टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरित किए जाने की यह एक अभिनव योजना है। प्रदेश के युवा वर्ग के तकनीकी रूप से सक्षम होने के उपरान्त युवा वर्ग को रोजगार का सृजन एवं सेवायोजन में सहायता होगी।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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