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बुंदेलखंड के 60 हजार से अधिक घरों में शुरू हुई पाइप से जलापूर्ति, 3 लाख लोगों को मिला योजना का सीधा लाभ

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लखनऊ। पानी की बूंद-बूंद के लिए त्राहिमाम करने वाले बुंदेलखंड की कहानी 5 साल में बदल गई। बुंदेलखंड में पेयजल के लिए मचने वाला हाहाकार अब बीते समय की बात है। जल जीवन मिशन के तहत संचालित हर घर नल योजना बुंदेलखंड के लाखों लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है। हर घर नल योजना के तहत युद्ध स्तलर पर अभियान चलाकर राज्या सरकार ने बुंदेलखंड के हजारों घरों को पेयजल पाइप लाइन से जोड़ दिया है। बुंदेलखंड के 7 जिलों के साथ पानी की किल्लित से जूझने वाले विंध्यै क्षेत्र के दो जिलों में भी पानी सप्लाकई की सूरत बदल गई है।

पेयजल आपूर्ति के मामले में बुंदेलखंड में पिछले 4 वर्षों में जबरदस्तल बदलाव आया है। पानी यहां के विकास की नई कहानी बन गया है। जल जीवन मिशन की हर घर नल योजना का सबसे बड़ा लाभ बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र के 9 जिलों को मिल रहा है। योजना के माध्यम से अब तक 60 हजार से अधिक घरों तक पानी के कनेक्शन हो चुके हैं। इससे दो लाख 37 हजार से अधिक लोगों को सीधा फायदा मिलना शुरू हो चुका है। इन 9 जिलों में पानी सप्लाई की कई पुरानी योजनाओं को नए सिरे से शुरू कर एक लाख से अधिक घरों तक पानी सप्लारई शुरू की गई है। इससे चार लाख 10 हजार से अधिक लोगों को सीधे लाभ मिल रहा है। इसी तरह से जिन इलाकों में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप रहा करता था, वहां जल जीवन मिशन की योजना वरदान बन गई। इन इलाकों में हर घर नल योजना का तेजी से काम शुरू हुआ और 63 प्रतिशत काम पूरा कराया गया। 27 हजार से अधिक घरों तक पानी के कनेक्शन दिये गये और एक लाख से अधिक लोगों तक योजना का लाभ पहुंचाया गया।

बुंदेलखंड के झांसी में जल जीवन मिशन की 10 स्कीमों के माध्यम से एक हजार से अधिक घरों में पानी के कनेक्शन पहुंच चुके हैं। ललितपुर में 15 योजनाओं से साढ़े पांच हजार से अधिक घरों में कनेक्शन दिये गये हैं। जालौन में संचालित 5 स्कीमों से पांच हजार से अधिक परिवारों तक और हमीरपुर में जल जीवन मिशन की 2 योजनाओं से करीब छह हजार घरों तक पानी का कनेक्शन पहुंच चुका है। बांदा में संचालित 2 योजनाओं से करीब दस हजार, चित्रकूट में 2 योजनाओं के माध्यम से करीब तीन हजार, महोबा में 5 योजनाओं के माध्यम से 11 हजार से अधिक और मिर्जापुर में 8 योजनाओं के माध्यम से 18 हजार से अधिक परिवारों पानी सप्लााई शुरू की जा चुकी है। सोनभद्र में संचालित जल जीवन मिशन की 9 योजनाओं से 3 लाख 20 हजार से अधिक परिवारों तक फंक्शनल हाउस होल्ड कनेक्शन का लक्ष्य रखा गया है।

रेट्रोफिटिंग के तहत बुंदेलखंड ओर विंध्याचल के 9 जिलों में पुरानी योजनाओं को जल जीवन मिशन ने जब अपने हाथों में लिया ओर उसको नए सिरे से शुरू किया है। रेट्रोफिटिंग के तहत जालौन में 29 में से 28 योजनाओं को पूरा किया गया है और नौ हजार से अधिक घरों तक पानी के कनेक्शन का लाभ दिया गया। इसी प्रकार से झांसी में 40 में से 36 रेट्रफिटिंग के तहत पुरानी योजनाएं नए सिरे से चालू की गई हैं। जिसका फायदा 21 हजार से अधिक परिवारों तक पानी कनेक्शन के माध्यम से मिलना शुरू हो चुका है। ललितपुर में 3 योजनाएं सफलतापूर्वक चलना शुरू हो चुकी हैं और यहां डेढ़ हजार से अधिक घरों तक पानी के कनेक्शन मिल चुके हैं। महोबा में 43 रेट्रोफिटिंग योजनाओं का फायदा 12 हजार से अधिक परिवारों को मिल रहा है। हमीरपुर में 26 रेट्रोफिटिंग स्कीमों से साढ़े दस हजार से अधिक घरों तक, चित्रकूट मंव रेट्रोफिटिंग की 1 योजना के संचालित होने से करीब एक हजार पानी के कनेक्शन घरों तक पहुंचे। बांदा में 22 रेट्रोफिटिंग से 12 से अधिक घरों तक पानी कनेक्शन मिले। विंध्य के मिर्जापुर में 62 में से 59 रेट्रोफिटिंग योजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 24 से अधिक परिवारों तक और सोनभद्र में 37 रेट्रोफिटिंग स्कीमें से 11 हजार से अधिक घरों तक पानी के कनेक्शन पहुंच चुके हैं।

बुंदेलखंड और विंध्य के जो इलाके आर्सेनिक की अधिकता या अन्या जल जनित व संक्रामक बीमारियों की चपेट में थे, वहां के लोगों के लिए जल जीवन मिशन योजना वरदान साबित हुई है। जालौन में 2 ऑनगोइंग योजनाओं से 1200 से अधिक घरों तक पानी कनेक्शन हो चुका है। झांसी में 2 स्कीमों के माध्यम से ढाई हजार से अधिक घरों, ललितपुर में 2 स्कीमों से पांच हजार से अधिक परिवारों को पानी के कनेक्शन मिल चुके हैं। महोबा में पांच हजार से अधिक परिवारों तक पानी पहुंचाने का काम तेजी से चल रहा है। हमीरपुर में 2 ऑनगोइंग स्कीमों से 1500 से अधिक परिवारों तक, चित्रकूट में 3 ऑनगोइंग स्कीमों से 1200 से अधिक घरों तक और बांदा में 2 ऑनगोइंग स्कीमों के माध्यम से 4500 से अधिक परिवारों तक पानी कनेक्शन दिये जा चुके हैं। मिर्जापुर में एक ऑनगोइंग स्कीम के माध्यम से करीब एक हजार परिवारों तक और सोनभद्र में 4 ऑनगोइंग स्कीम से 10 हजार से अधिक घरों तक पानी कनेक्शन पहुंचाए जा चुके हैं।

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राजस्थान के दौसा में सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को बेकाबू कार ने कुचला, तीन की मौत, 8 घायल

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दौसा। राजस्थान के दौसा में बड़ा सड़क हादसा हुआ है। यहाँ एक बेकाबू कार ने सड़क किनारे सो रहे 11 लोगों को कुचल दिया। इस हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है जबकि 8 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। मृतकों में एक बच्ची भी शामिल है। पुलिस ने बताया कि हादसे में दो घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि छह को आगे के इलाज के लिए जयपुर के एसएमएस अस्पताल में रेफर किया गया। कार को जब्त कर लिया गया है, हालांकि चालक फरार है। उसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

हादसा गुरुवार की रात करीब 11.15 बजे हुआ है। सभी मृतक व घायल खानाबदोश परिवार के लोग थे, जो टीकाराम पालीवाल गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास सड़क किनारे झुग्गी में रहते थे। हेड कॉन्स्टेबल बृजकिशोर ने बताया कि रात करीब 11.20 बजे घटना की सूचना पुलिस को मिली थी। फौरन पुलिस मौके पर पहुंची। जांच में सामने आया कि तेज रफ्तार कार के ड्राइवर ने तेज गति और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए सड़क किनारे सो रहे लोगों को कुचल दिया है। घटना की सूचना पर गुरुवार की देर रात महवा विधायक राजेंद्र मीणा हॉस्पिटल पहुंचे। उन्होंने डॉक्टरों से घायलों का हालचाल जाना और थाना इंचार्ज जितेंद्र सोलंकी को कार ड्राइवर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा।

जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज डॉ. अनुराग धाकड़ ने बताया कि दौसा के महवा से रेफर होकर 6 घायलों को यहां भर्ती किया गया था। इसमें से 1 दिलीप नाम के युवक को छुट्‌टी दे दी गई है। 5 अन्य को सर्जरी यूनिट में भर्ती रखा गया है। इसमें एक मरीज के सिर में थोड़ी ज्यादा चोट है, बाकी चार की स्थिति सामान्य है। इनका इलाज चल रहा है।

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