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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का यह फरमान बढ़ा रहा है लोगों की मुसीबत, परेशान हो रही जनता

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लखनऊ। उप्र की योगी सरकार का दूसरा कार्यकाल कुछ मायनों में आम जनता के लिए दुश्वारियों का सबब बनता जा रहा है। योगी सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए एक फरमान ने आम जन की मुश्किलें काफी बढ़ा दीं हैं।

दरअसल, पिछले दिनों सीएम योगी ने विभिन्न मार्गों पर निजी बसों के संचालन को अवैध बताते हुए उसे पूर्ण रूप से बंद कर दिया। कारण यह बताया गया कि इनसे मार्ग दुर्घटनाएं बहुत ज्यादा होती हैं, साथ ही राजस्व को भी इन निजी बसों के संचालन से नुक्सान पहुँचता है।

अब देखने सुनने में यह बात सही हो सकती है लेकिन वास्तविकता के धरातल पर उतरकर देखा जाय तो पहली बात सरकारी बसों के इतनी संख्या ही नहीं है जिससे आम आदमी का सफ़र आसान हो सके।

दूसरी बात उप्र परिवहन निगम की अधिकतर बसें इतनी बुरी दशा में हैं कि उनमे बैठने से भी दर लगता है। तीसरी समस्या परिवहन निगम की बसें गंतव्य तक पहुँचाने में जो समय लेती हैं, निजी बसे उससे 1.5 से 2 घंटे कम में पहुँचाती हैं।

चौथी बात किराए में अंतर की है जो विभिन्न मार्गों पर निजी व परिवहन निगम की बसों में 100 से 200 रूपए तक है। जो एक मध्यमवर्गीय या निम्न मध्यमवर्गीय परिवार के लिए बड़ी रकम है, और पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यही वर्ग सबसे ज्यादा यात्रा करता है।

दूसरी ओर योगी सरकार जो भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस की नीति रखती है, उस पर भी यह फरमान पानी फेर रहा है, क्योंकि और कुछ हो न हो इससे जुड़े विभाग जैसे परिवहन विभाग या पुलिस विभाग, उनकी चांदी हो गई है।

सरकारी फरमान को दरकिनार कर इन विभागों की कृपा पर यह कथित अवैध बस संचालन अभी भी जारी है लेकिन इसमें परेशानी आम जनता की बढ़ गई है।

होना तो यह चाहिए कि सरकार इन निजी बस मालिको के साथ कोई इस तरह का अनुबंध करे जिससे उनका संचालन वैध भी हो जाए और आम जनता की परेशानी भी दूर हो सके क्योंकि निजी बसों जैसी व्यवस्था दे पाना तो उप्र परिवहन निगम के लिए संभव ही नही है।

अब देखना यह है कि आम जनता के दुःख दर्द को दूर करने का दावा कर पुनः सत्ता हासिल करने वाली योगी सरकार इस मामले का कुछ हल निकालती है या पांच साल तक जनता को झेलाने के बाद चुनाव के अंतिम महीनों में कुछ लोक लुभावन योजनाओं, विकल्प के अभाव और अन्य कारणों से पुनः सत्ता प्राप्त कर जन कल्याणकारी सरकार होने का ढोल पीटती है, हमेशा की तरह।

उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव: दूसरे चरण में यूपी की इन आठ सीटों पर मतदान जारी

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लखनऊ। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में आज यूपी की आठ सीटों पर मतदान चल रहा है। अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा में शाम छह बजे तक वोट पड़ेंगे।

चुनाव के लिए सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। सुबह से लोग मतदान करने के लिए कतारों में देखे जा रहे हैं। आठ लोकसभा सीट के 1.67 करोड़ मतदाता 91 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिसमें 10 महिला प्रत्याशी हैं। गौतमबुद्ध नगर व मथुरा सीट पर सर्वाधिक 15-15 और बुलंदशहर में सबसे कम छह प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। पिछले चुनाव में इन आठ सीटों में से सात भाजपा और एक बसपा की झोली में गई थीं।

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दूसरे चरण में यूपी में 1,67,77,198 मतदाता हैं। इसमे 90,26,051 पुरुष, 77,50,356 महिला और 791 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। सबसे अधिक मतदाता गाजियाबाद में 29.45 लाख और सबसे कम बागपत में 16.53 लाख हैं। कुल 17704 पोलिंग बूथ में 3472 संवेदनशील हैं।

मतदान पर सतर्क दृष्टि रखने के लिए आयोग द्वारा 3 विशेष प्रेक्षक, 8 सामान्य प्रेक्षक, 5 पुलिस प्रेक्षक तथा 12 व्यय प्रेक्षक भी तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त 1451 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 190 जोनल मजिस्ट्रेट, 222 स्टैटिक मजिस्ट्रेट तथा 1599 माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।

चुनाव प्रक्रिया को संपन्न कराने के लिए 4213 भारी वाहन, 3251 हल्के वाहन तथा 79338 मतदान कार्मिक लगाए गए हैं। चुनाव में मतदान के लिए 17230 ईवीएम की कंट्रोल यूनिट, 17331 बैलट यूनिट तथा 17443 वीवीपैट तैयार किए गए हैं। चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए पर्याप्त मात्रा में अर्द्ध सैनिक बलों की तैनाती की गई है। स्ट्रांग रूम की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी अर्द्ध सैनिक बलों को दी गई है।

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