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Whatsapp ने बैन किए 36 लाख अकाउंट, जानें क्या है वजह?

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WhatsApp

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नई दिल्ली। Whatsapp ने दिसंबर महीने की User Safety Report शेयर की है जिसमें मेटा ने दावा किया है कि उसने 36 लाख अकाउंट को भारत में बैन कर दिया है। कंपनी ने बताया कि इन सभी अकाउंट्स ने IT Rules 202 का उल्लंघन किया है। बता दें कि नवंबर में कंपनी ने 37.16 लाख अकाउंट्स को बैन किया था।

Whatsapp ने बताया कि अकाउंट्स के खिलाफ नवंबर महीने में 946 शिकायत आई थीं। जबकि दिसंबर महीने में इसकी संख्या बढ़ गई है। ये बढ़कर 1459 पहुंच गई है। हालांकि Whatsapp ने इनमें 164 अकाउंट्स के खिलाफ ही एक्शन लिया है।

IT Rules में बहुत सारी वजहें होती हैं जब ऐसे किसी के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। तो चलिये बताते हैं कि किन वजहों से ऐसे अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

Fake News

Fake News एक ऐसा मामला है जिसके खिलाफ भारत सरकार भी लगातार सख्त कदम उठा रही है। अगर आपके अकाउंट से भी कोई ऐसा ही मैसेज शेयर किया जाता है तो आपको थोड़ी परेशानी जरूर हो सकती है।

फेक न्यूज मामले में अकाउंट तक सस्पेंड हो सकता है। यही वजह है कि व्हाट्सऐप ने हाल ही में ऐसे अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई भी की है।

फेक वीडियो

कई बार देखा जाता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके उसे वायरल कर दिया जाता है। दिल्ली में हुए दंगों में इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की गई थी। इसके बाद से लगातार जांच एजेंसियां भी Fake Video शेयर करने वाले Whatsapp यूजर्स के खिलाफ सख्त एक्शन ले रही हैं। फेक वीडियो को लेकर भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे में आपको हर वीडियो को शेयर करने से पहले उसकी जांच कर लेनी चाहिए।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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