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भारत की चीन पर एक बार फिर डिजिटल स्ट्राइक, 232 मोबाइल ऐप्स ब्लॉक

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Digital strike of India once again

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने एक बार फिर चीन पर डिजिटल स्ट्राइक करते हुए 232 चीनी मोबाइल ऐप्स को ब्लॉक कर दिया है। ये सभी ऐप्स सट्टेबाजी, जुआ और अनाधिकृत ऋण सेवा में शामिल थी जिन्हें चीन सहित विदेशी संस्थाओं द्वारा चलाया जा रहा था।

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद इन ऐप्स को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए हैं। सट्टेबाजी, जुआ और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गलत कामों में शामिल 138 ऐप्स को ब्लॉक करने का आदेश 4 फरवरी की शाम को ही जारी हो गया था। इसके साथ ही अनधिकृत ऋण सेवा में लगी 94 ऐप्स को भी अब ब्लॉक करने का आदेश जारी कर दिया गया है।

क्यों बंद की गई ऐप्स

इन सभी ऐप्स को चीन के साथ कई अन्य विदेशी संस्थाएं भी चला रही थी। सरकार के अनुसार इन ऐप्स को इसलिए बंद किया गया है क्योंकि ये देश की आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रही थी। सरकार ने कौन सी 232 ऐप्स को ब्लॉक किया है अभी उसकी जानकारी नहीं मिली है।

ऐप्स ब्लॉक कर चीन को दे रही पटखनी

भारत सरकार ने पिछले साल चीन सहित विभिन्न देशों द्वारा बनाई गई 348 मोबाइल ऐप्स को ब्लॉक किया था। इन ऐप्स को नागरिकों की प्रोफाइलिंग के लिए यूजर की जानकारी एकत्र करने और इसे गलत तरीके से विदेशों में भेजने के लिए दोषी पाया गया था।

इसके अलावा सरकार ने सितंबर 2020 में डेटा सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए 117 चीनी ऐप्स को ब्लॉक कर दिया था। ब्लॉक की गई ऐप्स की इस सूची में लोकप्रिय PUBG भी शामिल थी। इसके अलावा सुरक्षा कारणों से ही सरकार ने Camscanner जैसी लोकप्रिय ऐप को भी ब्लॉक कर दिया।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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