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उपराष्ट्रपति चुनाव: मुख्तार अब्बास नकवी का नाम लगभग तय, तीन नए दावेदार भी शामिल

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नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति के चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हो चुका है, साथ ही उम्मीदवारों को  लेकर भी कयास लगने शुरू हो चुके हैं। जानकारी के मुताबिक केंद्र में सत्तारूढ़ राजग प्रत्याशी के रूप में मुख्तार अब्बास नकवी के नाम पर लगभग मुहर लग चुकी है।

हालांकि, भाजपा की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। अटकलें हैं कि अगर नकवी मैदान में उतरते हैं तो विपक्ष के पास भी उनका समर्थन करने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा। एक भाजपा नेता के अनुसार, ‘अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री या राज्यसभा में उपनेता के तौर पर नकवी ने हमेशा राजनीतिक परिपक्वता, निष्पक्षता और ईमानदारी दिखाई है।’

खास बात है कि नकवी के बाद केंद्र में कोई भी मुस्लिम मंत्री नहीं है भाजपा के सांसदों में भी मुस्लिम सदस्य शामिल नहीं है।  हाल ही में उप्र के हाईप्रोफाइल आजमगढ़ और रामपुर उप चुनाव में जीत में नकवी ने अहम भूमिका निभाई है।

कौन हैं तीन नए नाम

उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के तौर पर तीन और नाम सामने आए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, सुरेश प्रभु, हरदीप पुरी और एसएस अहलुवालिया भी दौड़ में शामिल हो सकते हैं।

अहलुवालिया पश्चिम बंगाल के वर्धमान से लोकसभा सांसद हैं, प्रभु रेल मंत्री रह चुके हैं। जबकि, हरदीप सिंह पुरी केंद्रीय मंत्री हैं। इससे पहले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद, मणिपुर की पूर्व राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला और उप्र की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का नाम सामने आए थे।

कार्यक्रम के अनुसार, उपराष्ट्रपति चुनाव 6 अगस्त को होंगे, जिसके लिए नामांकन प्रक्रिया 5 जुलाई से शुरू हो गई है। उम्मीदवार 19 जुलाई तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। खबर है कि विपक्ष भी संयुक्त उम्मीदवार के लिए जल्दी बैठक कर सकता है।

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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