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मुख्य समाचार

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन हटाने पर लगाई रोक

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अंतरिम आदेश के बाद की स्थिति, फ्लोर टेस्ट तक सहयोगियों को एकजुट रखने की चुनौती, सियासी समीकरण बदल सकता है चार दिन का ग्रेस पीरियड

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उत्तराखंड का राजनीतिक घमासान, सुप्रीम कोर्ट, नैनीताल हाईकोर्ट का फैसला, वरिष्ठ वकील व भाजपा नेता नलिन कोहली, अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी, हरीश रावत

देहरादून। उत्तराखण्ड में राष्ट्रपति शासन हटाने के नैनीताल हाईकोर्ट के कल के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। केंद्र सरकार राष्ट्रपति शासन हटाने के नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई थी।  इससे पूर्व नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आज अर्जी दाखिल की थी।  केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी न मिलने की बात कहते हुए राज्य में फैसला लागू करने पर भी आपत्ति जताई थी। वरिष्ठ वकील नलिन कोहली ने मीडिया को जानकारी दी थी कि अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तो जज ने उन्हें रजिस्ट्रार से इस मामले को आज की सुनवाई के लिए लिस्टेड करवाने को कहा। इस पर उन्होंने जानकारी दी कि हमने बिना हाईकोर्ट के फैसले की कॉपी के ही इस मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में याचिका दायर कर दी है।

अगली सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तारीख तय

गौरतलब है कि उत्तराखण्ड में हाईकोर्ट द्वारा पूर्ववर्ती रावत सरकार को बहाल करने के बाद ही निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ताबड़तोड़ दो कैबिनेट मीटिंग बुलाकर लगभग 13 अहम फैसले लिए थे, जिस पर भी अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट में आपत्ति जताई थी। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई के लिए 27 अप्रैल की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई व फैसला जस्टिस दीपक मिश्रा व जस्टिस शिवकीर्ति सिंह की खण्डपीठ ने की ।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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