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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी के दौरे से पहले तोहफा, अमेरिका में दीवाली पर होगा अवकाश; विधेयक पेश

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US Congresswoman grace meng introduced Bill on diwali

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वाशिंगटन। अमेरिकी सांसद ग्रेस मेंग ने शुक्रवार को अमेरिकी कांग्रेस में दिवाली को संघीय अवकाश घोषित करने के लिए एक विधेयक पेश किया है। मेंग ने शनिवार को ट्वीट किया और लिखा कि आज मुझे दिवाली दिवस अधिनियम (Diwali Day Act) की शुरुआत की घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है, मेरा बिल जो दिवाली को एक संघीय अवकाश बना देगा। मेरे सभी सरकारी सहयोगियों और कई अधिवक्ताओं को धन्यवाद जो अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए मेरे साथ शामिल हुए।

12वीं संघीय छुट्टी को मिलेगी मान्यता

दीवाली, जिसे दीपावली या रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दिवाली दिवस अधिनियम (Diwali Day Act) दीवाली को अमेरिका की 12वीं संघीय मान्यता प्राप्त छुट्टी बना देगा।

मेंग ने प्रतिनिधि सभा (House of Representatives) में बिल पेश करने के तुरंत बाद अमेरिका में एक वर्चुअल न्यूज कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि, दिवाली दुनिया भर के अरबों लोगों और क्वींस, न्यूयॉर्क और संयुक्त राज्य अमेरिका में अनगिनत परिवारों और समुदायों के लिए साल के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है।

दीवाली के लिए मिलेगी आधिकारिक छुट्टी

बता दें को हाल ही में पेंसिल्वेनिया स्टेट सीनेट ने दीवाली को एक आधिकारिक अवकाश के रूप में मान्यता देने के लिए एक बिल पारित किया, पेंसिल्वेनिया स्टेट सीनेट के एक सदस्य निकिल सावल ने एक ट्वीट में घोषणा की।

उन्होंने ट्वीट किया कि दीवाली को आधिकारिक अवकाश के रूप में मान्यता देने के लिए सीनेट ने सर्वसम्मति से मतदान किया। प्रकाश और जुड़ाव के इस त्योहार को मनाने वाले सभी पेंसिल्वेनियावासियों के लिए आपका स्वागत है, आप मायने रखते हैं। इस बिल को पेश करने में आपके साथ शामिल होने के अवसर के लिए धन्यवाद।

अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लेते हुए, निकिल सावल ने ग्रेग रोथमैन को बिल पेश करने में शामिल होने का अवसर देने के लिए आभार व्यक्त किया।

पीएम मोदी करेंगे US का दौरा

रूस पर भारत की रक्षा निर्भरता खत्म करने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ रक्षा संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की पेशकश की है। इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगले महीने होने वाली अमेरिका यात्रा अहम साबित हो सकती है।

दोनों देशों के शीर्ष नेताओं की अगुआई में होने वाली बैठक में अत्याधुनिक रक्षा चुनौतियों के संदर्भ में वार्ता पर खास ध्यान दिया जाएगा। इसकी तैयारी के लिए दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में पहला एडवांस डोमेन डिफेंस डॉयलाग गुरुवार को संपन्न हुआ।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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