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अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र को एजेंडे पर सदस्यीय देशों का समर्थन मिला

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संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र की ओर से यहां मंगलवार को एक नई रिपोर्ट जारी की गई। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने कहा कि इस रिपोर्ट में अब तक के पहले विश्व मानवीय शिखर सम्मेलन के नए एजेंडे को सदस्यीय देशों से अपना समर्थन दिया है।

बान की-मून ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्यीय देशों को बताया कि ‘एक मानवता: साझा जिम्मेदारी’ थीम वाला यह शिखर सम्मेलन अरबों लोगों के दुखों को दूर करने की दिशा में मजबूत कदम उठाने का एक मौका देगा।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा, “हमें यह दिखाने की जरूरत है कि लाखों लोग डर व चिरकालिक जरूरतों के बीच संघर्षपूर्ण माहौल में रह रहे हैं। हमें एकजुटता दिखाने की जरूरत है, जिसके वे हकदार हैं और जिसकी उन्हें उम्मीद है।”

यह शिखर सम्मेलन तुर्की के इस्तांबुल शहर में 23-24 मई को होना है।

बान की-मून ने कहा, “इन चुनौतियों का भार और दुखों के अंबार का मतलब है कि हम हमारी साझा जिम्मेदारियों को अपनाएं और दया व दृढ़ निश्चय के साथ कदम उठाएं।”

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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