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अन्तर्राष्ट्रीय

परिवर्तन का घटक है महिला सशक्तीकरण : बान की-मून

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परिवर्तन का घटक है महिला सशक्तीकरण, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून, प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत

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परिवर्तन का घटक है महिला सशक्तीकरण, संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून, प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत

न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की-मून ने 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए अपने संदेश में कहा कि महिला सशक्तीकरण परिवर्तन का घटक (एजेंट) है। मीडिया में खबर आई के मुताबिक, की-मून ने अपने बयान में कहा कि दुनिया के गरीब देशों में अब भी प्रसव के दौरान महिलाओं की मौत होती है और लड़कियों पर आज भी हमले होते हैं। उन्होंने कहा, “हमलोग परिवर्तन के एजेंट के रूप में महिला सशक्तीकरण कर इस समस्या को रेखांकित कर सकते हैं।” उन्होंने कहा कि जब वह संयुक्त राष्ट्र संघ आए थे तो क्षेत्र में चल रहे शांति मिशनों का कोई भी महिला नेतृत्व नहीं कर रही थीं, लेकिन आज करीब एक चौथाई मिशनों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं। यह काफी तो नहीं है, लेकिन सुधार जरूर है।

8 मार्च को है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

बान ने कहा कि उन्होंने करीब 150 महिलाओं को सहायक महासचिव और अवर महासचिव के रूप में नियुक्त किया है। महिलाओं के अधिकारों के हनन से नाराज की-मून ने कहा कि वह उन लोगों जैसा दिल चाहते हैं जो यह मानकर काम कर रहे हैं कि महिला सशक्तीकरण से समाज की प्रगति होगी। की-मून और संयुक्त राष्ट्र महिला के कार्यकारी निदेशक फुमजिले एमलैम्बो नागसुक ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए अपने संदेश में वैश्विक समुदाय से आह्वान किया कि वे लिंगभेद खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। नागसुक ने कहा कि दीर्घकालीन विकास के लिए 2030 के नए एजेंडे में इस साल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहला समारोह है।

उन्होंने कहा, “भविष्य में जाने के लिए हमलोग किसी को भी पीछे नहीं छोड़ना चाहते हैं। यह शुरुआत पहले उन लोगों से करना हैं जो कम सम्मानित हैं। और ये महिलाएं और लड़कियां हैं। हालांकि अशांत और गरीब इलाकों में लड़कों और पुरुषों को भी शामिल किया जा सकता है।” उन्होंने कहा कि नई महामारियां जैसे जीका विषाणु के प्रकोप या जलवायु परिवर्तन का प्रभाव सबसे पहले महिलाओं पर पड़ता है, इसलिए उनके परिवारों की सुरक्षा गंभीर प्रयास के साथ-साथ शांति, दीर्घजीवी विकास सुनिश्चित करने और सामाजिक परिवर्तन के लिए भी कोशिशें होनी चाहिए। उललेखनीय है कि 2016 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का थीम ‘वर्ष 2030 तक ग्रह 50-50 : लैंगिक समानता के लिए उठे कदम’ है।

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पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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