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व्हाट्सएप के इस नए फीचर से बढ़ जाएगी ग्रुप मेंबर्स की संख्या

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नई दिल्ली। इंस्टैंट मेसेजिंग एप व्हाट्सएप पर लगातार नए फीचर्स का फायदा यूजर्स को मिलता है। अब इसके ग्रुप मेसेजिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। पहले एक ग्रुप में केवल 256 मेंबर्स की शामिल किए जा सकते थे, जबकि अब अधिकतम मेंबर्स की संख्या बढ़ाकर 512 कर दी गई है। नई रिपोर्ट में संकेत मिले हैं कि ग्रुप मेंबर्स की संख्या एक बार फिर बढ़ाई जा सकती है और पहले के मुकाबले दोगुनी होने वाली है।

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अन्य मेसेजिंग ऐप्स के मुकाबले व्हाट्सएप ग्रुप्स में कम मेंबर्स शामिल किए जा सकते हैं। हालांकि, नए बदलाव के बाद यह अंतर खत्म होने जा रहा है। सामने आया है कि जल्द व्हाट्सऐप के एक ग्रुप में 1,024 मेंबर्स तक जुड़ पाएंगे और इस नई लिमिट की टेस्टिंग की जा रही है। इस तरह एकसाथ हजार से ज्यादा लोगों तक पहुंचा जा सकेगा और ग्रुप मेसेजिंग अनुभव कहीं बेहतर होने वाला है।

बीटा वर्जन में टेस्टिंग कर रहा है व्हाट्सएप

व्हाट्सएप अपडेट्स की जानकारी देने वाले प्लेटफॉर्म WABetaInfo के मुताबिक, मेटा की ओनरशिप वाली ऐप मौजूदा 512 पार्टिसिपेंट्स की ग्रुप लिमिट्स में बदलाव की टेस्टिंग कर रही है। अब एडमिन्स को एक ग्रुप में 1,024 तक मेंबर्स शामिल करने का विकल्प दिया जा रहा है। यह फीचर बीटा यूजर्स के साथ टेस्ट किया जा रहा है और चुनिंदा बीटा यूजर्स को इस फीचर का फायदा मिल रहा है।

नहीं ले सकते ‘व्यू वन्स’ फीचर का स्क्रीनशॉट

बेहतर प्राइवेसी देते हुए व्हाट्सऐप ने अपने व्यू वन्स फीचर में बदलाव किया है। अब तक व्यू वन्स फीचर के साथ भेजे गए फोटोज या वीडियोज के स्क्रीनशॉट्स लिए जा सकते थे। अब यूजर्स किसी व्यू वन्स मेसेज का स्क्रीनशॉट नहीं ले सकते और उन्हें यह विकल्प मिलना बंद हो गया है। यानी कि व्यू वन्स के साथ भेजी गईं मीडिया फाइल्स पर बेहतर प्राइवेसी यूजर्स को मिलेगा।

‘प्रीमियम’ सब्सक्रिप्शन टेस्ट कर रहा व्हाट्सऐप

कई एडवांस्ड फीचर्स का फायदा चुनिंदा यूजर्स को देते हुए व्हाट्सऐप बिजनेस यूजर्स के लिए एक प्रीमियम सेवा की टेस्टिंग भी की जा रही है। प्रीमियम सब्सक्रिप्शन सेवा का फायदा व्हाट्सऐप पर छोटे-बड़े बिजनेसेजेस को मिलेगा, जिससे वे ज्यादा ग्राहकों तक आसानी से पहुंच सकेंगे। हालांकि, इस बारे में ज्यादा जानकारी अभी सामने नहीं आई है।

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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