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बिजनेस

इंटरनेट बैंकिंग से ही नहीं, अब व्हाट्सएप से भी करें पैसे ट्रांसफर

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व्हाट्सएप, राष्ट्रीय भुगतान निगम भारतीय, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस, एपी होता

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मुंबई। अब पैसा ट्रांसफर करना हो जाएगा और भी ज्यादा आसान। मैसेजिंग एप व्हाट्सएप लाया है एक ऐसा फिचर्स जिसके जरिए यूजर्स आसानी से पैसे ट्रांसफर कर सकेंगे। व्हाट्सएप को राष्ट्रीय भुगतान निगम भारतीय (एनपीसीआई ) की तरफ से पेमेंट और मनी ट्रांसफर के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई ) के इस्तेमाल कीअनुमति मिल गई है। ऐसे में अब यूजर्स के लिए एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में फंड ट्रांसफर करना और भी ज्यादा आसान हो जाएगा। इस बात की पुष्टि एनपीसीआई केमैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ एपी होता ने की है।

इसके तहत एक मोबाइल एप की मदद से सिर्फ ईमेल एड्रेस और आधार नंबर के सहारे किसी भी व्यक्ति को पैसे ट्रांसफर किए जा सकेंगे। इसके लिए यूजर को सिर्फ यूपीआई होना जरूरी हैं। अकाउंट नंबर न होने पर भी पैसा ट्रांसफर हो जाएगा। एनसीपीआई के मुताबिक इस सिस्टम से देश के 21 निजी एवं सरकार बैंक जुड़ चुके हैं।यूपीआई की मदद से यूजर एक दिन में 50 रुपए से लेकर 1 लाख रुपए तक ट्रांसफर कर सकेगा। एनसीपीआई के मुताबिक इससे कैश ट्रांजेक्शन की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।और नकदी को लेकर आने वाली समस्या से भी राहत मिल सकेगी।

वहीं एनपीसीआई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए पी होता का कहना है कि दुनिया मेंकहीं भी मोबाइल ऐप के जरिये इतने बड़े पैमाने पर वास्तविक समय के आधार पर पैसा भेजने और प्राप्त करने की सुविधा कहीं नहीं है।

बता दें कि देश में ऐसा पहली बार हुआ है जब एनपीसीआई ने किसी एप को पेमेंट के लिए मल्टी बैंक पार्टनरशिप की अनुमति दी हो। वहीं, अगरगूगल की बात की जाए तो अभी इसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) से अनुमति नहीं मिली है लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही गूगल कोआरबीआई की अनुमति मिल सकती है।

एनपीसीआई के एमडी एपी होता ने व्हाट्सएप में यह सेवा कब से लाइव की जाएगी इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है।

 

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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