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हिमाचल प्रदेश में ‘निपाह वायरस’ का आतंक, स्कूल में मरे पाए गए 18 चमगादड़

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शिमला। केरल समेत पूरे देश में ‘निपाह वायरस’ को लेकर डर का माहौल है। हो भी क्‍यों न। इस जानलेवा वायरस ने अब तक केरल में 10 लोगों की जान ले ली है, जबकि 15 से ज्यादा लोग बीमार हैं।

जम्मू-कश्मीर, गोवा, राजस्थान, गुजरात और तेलंगाना में इस बीमारी को लेकर अलर्ट जारी किया जा चुका है हालांकि हिमाचल प्रदेश इस वायरस की जद से अब तक दूर था लेकिन एक ऐसी घटना ने वहां भी निपाह वायरस की मौजूदगी के संकेत दे दिए है। बुधवार को अचानक हिमाचल प्रदेश में दर्जनभर से ज्यादा मरे हुए चमगादड़ पाए गए।

खबर के मुताबिक हिमाचल के नाहन की पंचायत बर्मापापड़ी के एक सीनियर सेकंडरी स्कूल के परिसर में 18 चमगादड़ मरे मिले। बताया जा रहा है कि ये चमगादड़ बीते काफी सालों से यहां के पेड़ों पर रहा करते थे। ये कभी किसी को परेशान नहीं करते थे, लेकिन अचानक से बुधवार को यहां डेढ़ दर्जन चमगादड़ों की मौत हो गई। इसे देखकर लोग भयभीत हो गए।

पुलिस ने चमगादड़ों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत की असल वजह का पता लग सकेगा।

क्या है ‘निपाह वायरस’

‘निपाह वायरस’ एक तरह का संक्रमित रोग है। मेडिकल टर्म में इसे NiV भी कहा जाता है। यह वायरस जानवरों से इंसानों में फैलता है यानि ‘निपाह वायरस’ चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। यह खतरनाक वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने का भी डर रहता है।

खजूर के खेतों में काम करने वालों में ‘निपाह वायरस’ फैलने का खतरा ज्यादा होता है, जिससे मौत भी हो सकती है। फ्रूट बैट प्रजाति के चमगादड़ इस संक्रमण को तेजी फैलाने में मददगार होते हैं। ऐसा इसलिए कि यह एक मात्र स्तनधारी जीव है, जो उड़ सकता है। पेड़ पर लगे फलों को खाकर संक्रमित कर देता है। जब पेड़ से गिरे इन संक्रमित फलों को इंसान खा लेता है तो वह बीमारी की चपेट में आ जाता है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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