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मथुरा हिंसा की सीबीआई जांच पर सुनवाई मंगलवार को

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मथुरा हिंसा की सीबीआई जांच, सुनवाई मंगलवार को, भाजपा नेता अश्विनी उपाध्‍याय की याचिका

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मथुरा हिंसा की सीबीआई जांच, सुनवाई मंगलवार को, भाजपा नेता अश्विनी उपाध्‍याय की याचिका

supreme court of india

नई दिल्ली| सर्वोच्च न्यायालय मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता की उस याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें मथुरा हिंसा की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की गई है। घटना में दो पुलिस अधिकारियों सहित 29 लोगों की जान चली गई थी और बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष तथा न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की अवकाशकालीन पीठ ने मामले की सुनवाई मंगलवार को करने पर सहमति जताई। इससे पहले अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने मामले को उठाते हुए इस पर जल्द सुनवाई की आवश्यकता जताई थी। हिंसा की यह घटना दो जून की है, जब पुलिस इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर उत्तर प्रदेश में मथुरा के जवाहरबाग में अवैध कब्जा हटाने पहुंची थी। बाग पर स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह के सदस्यों ने कब्जा कर रखा था।

इस हिंसक घटना में एक पुलिस अधीक्षक और एक थाना प्रभारी (एसएचओ) सहित 29 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 23 अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। भाजपा की दिल्ली इकाई के सदस्य, याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि मथुरा में हुई घटना के मूल कारण और ‘कार्यपालिका, विधायिका और उग्रवादी समूह’ के बीच संभावित गठजोड़ का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच जरूरी है।याचिका में दलील दी गई है कि केंद्र सरकार घटना की सीबीआई जांच के लिए तैयार है, लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार इसकी सिफारिश नहीं कर रही है।

याचिका में कहा गया है कि स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह, जय गुरुदेव के अनुयायियों से अलग हुए एक समूह से बना था। उपाध्याय की ओर से अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने अदालत को मीडिया रपटों के आधार पर सबूत नष्ट किए जाने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में कई लोगों की जान जाने के साथ ही 200 वाहन भी नष्ट हो गए और बड़े पैमाने पर गैस सिलिंडर भी फट गए। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जय गुरुदेव का अनुयायी रहा स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह का नेता राम वृक्ष यादव उत्तर प्रदेश सरकार के शक्तिशाली लोगों की मिलीभगत से समानांतर सरकार चला रहा था।

याचिका के मुताबिक, “स्थानीय निवासी मानते थे कि यादव उत्तर प्रदेश सरकार में कुछ मंत्रियों के बेहद करीब था, इसलिए स्थानीय प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं करना चाहता था।” याचिका में कहा गया है कि यह हिंसा के मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए स्पष्ट आधार है। याचिका में सीबाआई जांच के अलावा ऐसी परिस्थितियों में मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने के लिए केंद्र सरकार को एक समान नीति तैयार करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी काट डालने की धमकी देने वाला शख्स प्रयागराज से गिरफ्तार, रोते हुए बोला-गलती हो गई

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प्रयागराज। एक यू ट्यूबर से बात करते हुए सीएम योगी को काट डालने की धमकी देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी शख्स का नाम शमीम है। उसका एक वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ था जिसमें वो कह कह रहा था, ‘कौन है योगी आदित्यनाथ? अगर हिम्मत है तो हमारे लालगोपालगंज इलाके में आए। हमारे ऊपर बुलडोजर चलाकर दिखा दें। बकरा बनाकर काटेंगे। चैलेंज, खुल्ला चैलेंज।’

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी शमीम ने बताया कि नशे की हालत में यूट्यूबर ने उसे उकसाकर सीएम के लिए अपशब्द बुलवा लिए थे। नशा उतरने पर उसे अपनी गलती का आभास हुआ तो उसने यूट्यूबर से संपर्क कर माफी का वीडियो भी बनवाया और उसे अपलोड करने की बात कही। लेकिन उसने माफी वाला वीडियो जारी नहीं किया। इसके बाद उसने खुद माफ़ी मांगने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने का प्रयास किया था।

जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात में प्रयागराज पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पास चेकिंग के दौरान एक युवक को पकड़ा। जिसके पास से तमंचा कारतूस और देशी बम और चोरी का मोबाइल बरामद हुआ। पुलिस युवक को थाने लाकर पूछताछ की तो पता चला कि ये वही युवक है, जिसने कुछ दिनों पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ को काट डालने की धमकी दी थी। इस मामले में भी पुलिस ने आरोपी शमीम के खिलाफ केस भी दर्ज कर किया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम दिल्ली तक गयी थी लेकिन पुलिस से बचने के लिए ही वो दिल्ली से भागकर प्रयागराज पहुंच गया था और यहां पर छिपकर रह रहा था।

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