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मुख्य समाचार

स्मृति ईरानी घिरीं नए विवाद में, मंत्रालय ने दी सफाई

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, यमुना एक्‍सप्रेसवे पर दुर्घटना, डाक्‍टर रमेश नागर की मौत, स्‍मृति पर मदद न करने का आरोप

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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, यमुना एक्‍सप्रेसवे पर दुर्घटना, डाक्‍टर रमेश नागर की मौत, स्‍मृति पर मदद न करने का आरोप

मथुरा। दो दिन पहले कथित रूप से केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के काफिले की एक गाड़ी से टकराकर हुई बाइक सवार की मौत मामले में नया ट्विस्ट आ गया है। हादसे में जिस बाइकचालक की मौत हुई उसके परिवारजनों ने मानव संसाधन विकास मंत्री पर मदद न करने का आरोप लगाया है, वहीं स्मृति ईरानी के मंत्रालय से सफाई आई है कि हादसे वाली जगह से स्मृति ने खुद एसएसपी को फोन करके एंबुलेंस बुलाई थी। गौरतलब है इस दुर्घटना में बाइक सवार डॉक्टर रमेश नागर की मौत हो गई और अब उनके परिवार ने एफआईआर दर्ज करवाई है जिसमें लिखा गया है कि एक्सप्रेसवे पर एचआरडी मंत्री के काफिले की गाड़ी से भिड़ने पर नागर की मौत हुई है। आगरा के रहने वाले नागर की बेटी संदिली ने आरोप लगाया है कि मेडिकल मदद न मिलने की वजह से उनके पिता की सड़क पर ही मौत हो गई। संदिली अपने पिता और परिवार के एक और सदस्य के साथ शादी में जा रही थी। संदिली ने यह भी कहा कि उन्होंने मदद के लिए मंत्री से गुहार लगाई थी लेकिन स्मृति ईरानी उन्हें अनदेखा कर दूसरी गाड़ी में बैठकर निकल गईं।

5 मार्च को यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई थी दुर्घटना

वहीं इस आरोप के बाद स्मृति ईरानी के मंत्रालय से सफाई आई की हादसे वाली गाड़ी उनके काफिले का हिस्सा नहीं थी। साथ ही यह भी कहा गया है कि चोट लगने के बावजूद ईरानी कार से उतरी और उन्होंने खुद एसएसपी को फोन करके एंबुलेंस भेजने को कहा। संदिली ने आरोप लगाया कि ‘एचआरडी मंत्री की गाड़ी ने हमारी बाइक को टक्कर मारी जो बहुत ही धीमी गति से चल रही थी। हमारी बाइक गिर गई। मैंने मदद मांगी तो उन्होंने मना कर दिया। उन्होंने कहा कि आपको बाद में मदद मिल सकती है। अगर वह चाहती तो हमारी मदद कर सकती थीं। अगर वह हमारी मदद करती तो मेरे पिता हमारे साथ होते।’ बता दें कि ईरानी, 5 मार्च को बीजेपी युवा शाखा के मथुरा में अधिवेशन से दिल्ली लौट रही थीं जब यमुना एक्सप्रेस वे पर गाड़ियों की लंबी कतार लगी हुई थी और कई वाहन आपस में भिड़ गए थे। ईरानी ने ट्वीट करके बताया कि एक सड़क दुर्घटना की वजह से सड़क पर लंबा जाम था और गाड़ियां आपस में टकरा गई।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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