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मोदी सरकार के मंत्री पर फूटा ‘#me too बम’, पीड़िता ने कहा-होटल के बिस्तर पर…

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एम जे अकबर

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नई दिल्ली। बॉलीवुड में फूटे #me too बम’ के बाद से अब राजनीति जगत में भी इसका प्रभाव दिखना शुरु हो गया है। बॉलीवुड की कई हस्तियों के यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद से अब मोदी सरकार के विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर पर भी यौन शोषण का आरोप लगा है। अकबर पर चार महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

एम जे अकबर

सबसे पहले इस क्रम में जर्नलिस्ट प्रिया रमानी ने पिछले साल मैग्ज़ीन के लिए एक स्टोरी में बिना उनका नाम लिए उस गलत व्यवहार के बारे में लिखा था। लेकिन अब ट्वीट के ज़रिए प्रिया ने अकबर पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं।

अपने आर्टिकल में रमानी ने लिखा था कि ‘अकबर फोन पर अश्लील बातें करने, मैसेज करने, भद्दे कॉम्प्लीमेंट्स देने और न को न समझने में माहिर हैं।’  कैसे चुटकी काटना है, मारना है, रगड़ना और पकड़कर हमला करना है।’ बोलने की आपको वह कीमत चुकानी पड़ती है जिसे अदा करने के लिए शायद बहुत सी महिलाएं तैयार नहीं होतीं।’

वह विस्तार में लिखती हैं कि कैसे अकबर ने उन्हें असहज महसूस कराया था। उन्होंने कहा कि 43 साल के अकबर ने 23 वर्ष की उम्र में उन्हें दक्षिण मुंबई के अपने आलीशान होटल में नौकरी के इंटरव्यू के लिए उन्हें बुलाया था। रमानी ने आरोप लगाया कि होटल की लॉबी में मिलने के बजाय अकबर ने रमानी को अपने कमरे में मिलने के लिए बुलाया और उन्हें ड्रिंक ऑफर की।

हालांकि, उन्होंने मना कर दिया फिर भी अकबर ने वोदका पीकर उनके लिए पुराने गाने गाए और रमानी से करीब बैठने के लिए कहा। रमानी के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद एक और महिला पत्रकार शुमा राहा ने भी अकबर पर ऐसे ही आरोप लगाए हैं। शुमा ने बताया कि 1995 में अकबर जब एशियन ऐज के संपादक थे तब उन्होंने कोलकाता के ताज बंगाल होटल के कमरे में उन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया।

महिला ने बताया कि अकबर ने उनके साथ कुछ भी नहीं किया किया लेकिन इंटरव्यू के बाद बिस्तर पर बैठकर शराब ऑफर करना उन्हें बहुत असहज लगा जिसके बाद महिला ने जॉब को ठुकरा दिया।

आपको बता दें कि अकबर इन दिनों नाइजीरिया के दौरे पर हैं। महिलाओं द्वारा लगाए गए इन आरोप के बाद अकबर की अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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