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अन्तर्राष्ट्रीय

रूस में गैस धमाके में मृतकों की संख्या 7 हुई

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russia-gas-explosion-afpimage650x400_650x400_51455612109मास्को| रूस के यरोस्लाव शहर में एक अपार्टमेंट में हुए गैस धमाके में मृतकों की संख्या बढ़कर सात हो गई है। समाचार एजेंसी  ने मंगलवार को रूस के आपातस्थिति मंत्रालय के हवाले से कहा कि बचाव अभियान में अपार्टमेंट के मलबे से सात शव बरामद हुए।इस हादसे में घायल हुए सात लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दुर्घटनाग्रस्त इमारत के और गिरने की आशंका के चलते 131 बाशिंदो को सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है।

मंत्रालय की ओर से कहा गया कि यरोस्लाव शहर की पांच मंजिला इमारत में गैस धमाका हुआ था, जिसमें पांच फ्लैट तहस-नहस हो गए थे और 20 अन्य फ्लैटों को नुकसान पहुंचा था।बयान में यह नहीं बताया गया कि हादसे के वक्त अपार्टमेंट में कितने लोग थे।

मंत्रालय की ओर से कहा गया कि बचावकर्मी मलबे को हटाने में जुटे हुए हैं। मनोवैज्ञानिक हादसे में बाल-बाल बचे लोगों, उनके परिवारों व अन्यों को परामर्श दे रहे हैं।
यरोस्लाव क्षेत्र के गर्वनर सेर्गेई यास्त्रेबोव ने इस हादसे के बाद शहर में बुधवार व गुरुवार को दो दिन का शोक घोषित किया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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