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नेशनल

RLSP अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का बेतुका बयान, कहा- “रामलीला में सीता सिगरेट पीती हैं”

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राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कांग्रेस, आरजेडी के सहयोगी उपेन्द्र कुशवाहा ने एक बार फिर विवादित बयान दे दिया है। इस बार उन्होंने धर्म को समक्ष रखते हुए माता सीता पर एक बेहद  अपमानजनक टिप्पणी की है।राष्ट्रीय लोक समता पार्टी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा दरभंगा में बिहार के महागठबंधन प्रत्याशी अब्दुल बारी सिद्दीकी का प्रचार करने पहुंचे थे जहां उन्होंने बीजेपी के 5 साल के कार्यकाल पर निशाना साधा। इसी दौरान उन्होंने बीजेपी की तुलना रामलीला की पात्र माता सीता से की और कहा कि, ‘जिस सीता मैया को मंच पर देखकर लोग सिर झुकाते हैं, वही पर्दे के पीछे जाकर सिगरेट पीती है।’

कुशवाहा यहां ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा की वो एनडीए में रहकर आए हैं इसलिए उन्हों पता है कि वहां अंदर से कुछ और हैं और बाहर से कुछ और। उपेंद्र कुशवाहा ने यह भी कहा कि बीजेपी के कार्यकर्ताओं में रामलीला के लोगों का ज्यादा अनुभव है। इस बयान के दौरान ही उपेंद्र कुशवाहा अपनी सीमा ही लांग गए, वह बोले कि रामलीला के पात्रों में एक व्यक्ति मां सीता का रूप धारण करके आता है। जब माताएं-बहनें उसे देखती हैं तो सिर झुका लेती हैं। इतना सम्मान होता है मन में देवी के रूप के लिए। पर्दे के सामने वो मां सीता होती है लेकिन जब पर्दे के पीछे जाकर देख लीजिए तो वही सीताजी सिगरेट पीती रहती है।चुनाव के चलते नेताओं की एक दूसरे को लेकर तो बद्द्जुबानी चल ही रही थी लेकिन अब इन लोगों ने देवी-देवताओं को भी इस बद्द्जुबानी के दल-दल में घसीट लिया। लोकसभा चुनाव 2019 के प्रारंभ होते ही हिंदू धर्म एवं सभी धर्मों को ये नेता निशाना बनाते आए हैं। उपेंद्र कुशवाहा का कोई हक़ नहीं बनता किसी भी धर्म का या किसी भी देव-देवता का इस तरह भरी सभा में मजाक बनाए।

विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू कर दी है और उनसे माफ़ी मांगने की अपील भी की है साथ ही यह भी कोशिश की जाएगी कि उन पर चुनाव आयोग की ओर से दवाब बनाया जाए।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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