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तेजस्वी यादव को जदयू का नेता नहीं मान सकता: उपेंद्र कुशवाहा

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Nitish Kumar Upendra Kushwaha

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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री के सामने नई शर्त रख दी है। कुशवाहा ने पटना में कहा कि अगर नीतीश कुमार राजद के नेता तेजस्वी यादव को जदयू की कमान सौंपने की बात से इंकार करेंगे, तो वह अपना विद्रोह छोड़ देंगे। कुशवाहा ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए। बिहार की जनता चो चाहती है, वही काम हो।

जदयू में ही रहेंगे कुशवाहा

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुझे कोई पद नहीं चाहिए। मैं पांच रुपये वाला सदस्यता लेकर जदयू में रहने को तैयार हूं। मुझे संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष या राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने में भी कोई दिलचस्पी नहीं है। हालांकि, मैं तेजस्वी यादव को जदयू का नेता नहीं मान सकता। जदयू में अलग-थलग पड़ चुके उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि कुछ लोग नीतीश जी को घेरकर गलत फैसले करवा रहे हैं। पार्टी को कमज़ोर किया जा रहा है।

बहुत जल्द जदयू डूब जाएगी

उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि किसी ऐसे इंसान को जदयू की कमान सौंपी जाए जो लव-कुश समाज या अतिपिछड़ा समाज का हो, जिसे लोग पसंद करते हो। कुशवाहा ने कहा कि अगर मौजूदा स्थिति जारी रहती है तो यह जदयू पार्टी बहुत जल्द डूब जाएगी। नीतीश कुमार ने बिहार को अंधेरे युग से बाहर निकाला था। उनकी विरासत पर बादल छाए हुए हैं।

नीतीश कुमार पर छोड़ा फैसला

कुशवाहा ने कहा कि राजद के लोग कहते रहते हैं कि महागठबंधन के गठन के समय एक सौदा हुआ था। इससे जदयू में उथल-पुथल मच गई है। केवल सीएम नीतीश कुमार ही इन अफवाहों पर विराम लगा सकते हैं। उन्हें कहना चाहिए कि वह 2025 के विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव को नेता के रूप में समर्थन नहीं दे रहे हैं।

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गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट

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लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।

यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।

आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।

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