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उत्तराखंड

देसंविवि में गंगा पुनरुद्धार पर कार्यशाला आयोजित

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देहरादून स्थित यूसर्क, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, गंगा शुद्धिकरण विषय पर कार्यशाला

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देहरादून स्थित यूसर्क, देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, गंगा शुद्धिकरण विषय पर कार्यशाला

river ganga in haridwar uttarakhand

हरिद्वार| देहरादून स्थित यूसर्क (उत्तराखण्ड साइंस एजूकेशन एण्ड रिसर्च सेंटर) और देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में यहां पादपों द्वारा गंगा नदी शुद्धिकरण विषय पर कार्यशाला का आयोजन हुआ। विभिन्न क्षेत्रों से आए पर्यावरणविदों एवं शोधार्थियों ने कार्यशाला में हिस्सा लिया।

कुलपति शरद पारधी ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा, “पतित पावनी मां गंगा की धार्मिक व आर्थिक उपयोगिता काफी महत्वपूर्ण है। गंगा की शुद्धता एवं अविरलता के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे आना चाहिए। शांतिकुंज के साथ देसंविवि पिछले कई वर्षों से इस दिशा में सार्थक पहल कर रहा है।”

समापन सत्र में देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने कहा, “पादपों के उपयोग से गंगा नदी ही नहीं, अपितु विश्व की महत्वपूर्ण नदियों का शुद्धिकरण किया जा सकता है। इस तकनीक में पादपों द्वारा विषैले व हानिकारक प्रदूषकों जैसे कैडमियम, आर्सेनिक, मर्करी, क्रोमियम आदि को पर्यावरण से दूर किया जाता है।”

राजकीय महाविद्यालय झांसी से आए प्रो. बी.डी. जोशी पाण्डेय ने कहा कि गंगा के विषाक्त पदार्थों को मस्टर्ड प्लांट, सूरजमुखी जैसे पादप अवशोषित करने में समक्ष हैं। उन्होंने गंगा नदी के तटों पर इन पौधों का अधिक से अधिक रोपण करने पर बल दिया।

यूसर्क के डॉ. भवतोष शर्मा ने कहा कि गंगा नदी के पारिस्थितिकीय तंत्र को बचाने में पादपों की अहम भूमिका हो सकती है, जिसमें शोध कार्य करने की आवश्यकता है। कार्यशाला के आयोजक सचिव डॉ. सुधांशु कौशिक ने कहा कि कार्यशाला में युवाओं को गंगा व अन्य नदियों को स्वच्छ बनाए रखने में सहायक विभिन्न माध्यमों की जानकारी दी गई।

उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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