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बिजनेस

अनिल अंबानी को राहत, बिक गई क़र्ज़ में डूबी यह कंपनी

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नई दिल्ली। उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल (Reliance capital) की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड को आखिरकार बेच दिया गया।

ऑटम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर (Authum Investment and Infrastructure) ने कर्ज में डूबी रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) का 1 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर लिया। रिलायंस कैपिटल ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी है।

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कंपनी ने क्या कहा?

रिलायंस कैपिटल ने एक नियामक फाइलिंग में कहा, “यह सूचित किया जाता है कि कंपनी ने भारतीय रिजर्व बैंक (दबाव के समाधान के लिए प्रूडेंशियल फ्रेमवर्क) के संदर्भ में आरसीएफएल की समाधान योजना के कार्यान्वयन के अनुसरण में पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आरसीएफएल में अपनी हिस्सेदारी ऑटम इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को बेच दी है।”

1 करोड़ रुपये में डील

ऑटम इन्वेस्टमेंट ने आरसीएफएल को एक करोड़ रुपये में खरीदा। यह रिलायंस कैपिटल की पहली सहायक कंपनी है, जिसका सफलतापूर्वक समाधान किया गया है।

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बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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