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उत्तर प्रदेश

सिपाही भर्ती पेपर लीक का मास्टरमाइंड रवि अत्री गिरफ्तार, यूपी एसटीएफ ने धर दबोचा

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लखनऊ। यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने वाले मुख्य साजिशकर्ता और मास्टरमाइंड रवि अत्री को पुलिस ने धर दबोचा है। थाना जेवर क्षेत्र गौतमबुद्ध नगर एसटीएफ ने उसे पकड़ा। इससे पहले एसटीएफ ने एक और मुख्य आरोपी राजीव नयन मिश्रा को गिरफ्तार किया था। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि मामले का मुख्य आरोपी रवि अत्री जेवर थाना क्षेत्र के बस स्टेशन पर आने वाला है। इस पर एसटीएफ की टीम ने आवश्यक बल प्रयोग कर उसे बस स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।

रवि अत्री ने बताया कि वर्ष 2006 में गौतमबुद्घनगर के एक इंटर कॉलेज से 12वीं की परीक्षा में पास होने के बाद वह मेडिकल की तैयारी के लिए कोटा, राजस्थान गया था और वहीं परीक्षा माफियाओं के संपर्क में आ गया और विभिन्न परीक्षाओं में सॉल्वर बनकर बैठने लगा।

वर्ष 2012 में नीट पीजी की परीक्षा का पेपर लीक करने के मामले में दरियागंज क्राईम ब्रांच दिल्ली से वह जेल भेजा गया था और इसी वर्ष एसबीआई की परीक्षा का पेपर आउट कराने में थाना शाहबाद डेरी, दिल्ली से जेल गया था। वर्ष 2015 में वह एआईपीएमटी का पेपर आउट कराने में थाना पीजीआईएमएस रोहतक, हरियाणा से अपने साथियों के साथ जेल गया था।

उत्तर प्रदेश

कोरोना की दवाओं की परमिशन देने वालों पर चलाया जाना चाहिए हत्या का मुकदमा: अखिलेश यादव

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लखनऊ। कोरोना वायरेस के टीके ‘कोविशील्ड’ की गुणवत्ता पर विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है। कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव ने इस मामले पर सत्ताधारी भाजपा हमला बोला है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन अधिकारियों ने इस वैक्सीन के लिए मंजूरी दी थी उन्होंने ही इस टीके को नहीं लगवाया। अखिलेश यादव ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी हाई लेवल ज्यूडिशियल जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ‘जानलेवा’ दवाओं की परमिशन देना किसी की हत्या की साजिश के बराबर है और इसके जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “एक व्यक्ति को 2 वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के बुरे परिणाम की आशंका थी, अब उनका शक और डर सही साबित हुआ है।” उन्होंने कहा, “लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता माफ़ नहीं करेगी। ऐसी जानलेवा दवाइयों को परमिशन देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों पर आपराधिक मुक़दमा चलना चाहिए।

गौरतलब है कि ब्रिटेन स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि इसका कोविड टीका रक्त के थक्के जमाने संबंधी दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, लेकिन इनके बीच कोई संबंध होने की जानकारी नहीं है. ब्रिटेन के एक अखबार ने अदालती दस्तावेज के हवाले से यह दावा किया है.

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