Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

कासगंज जेल से गाजीपुर पहुंचा अब्बास अंसारी, पिता मुख्तार की कब्र पर पढ़ेगा फातिहा

Published

on

Loading

गाजीपुर। मुख्तार अंसारी की मौत के बाद बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से पिता की कब्र पर फातिहा पढ़ने जाने की इजाजत मिल गई है। इसके लिए अब्बास अंसारी कासगंज जेल से गाजीपुर पहुँच गया है। अब्बास का काफिला पूर्वांचल एक्सप्रेस से उतर कर गाजीपुर सीमा पर पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अब्बास को 3 दिनों की कस्टडी पैरोल मिली है। इस दौरान वह गाजीपुर जेल में रहेगा। इसके बाद वापस कासगंज जेल भेज दिया जाएगा। कानून-व्यवस्था बरकरार रखने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से आशंका जताये जाने के बाद शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में उसके पैतृक निवास स्थान गाजीपुर ले जाया जाए।

कोर्ट ने कहा कि अब्बास को बुधवार को पुलिस हिरासत में फातिहा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी और इसके संपन्न होने के बाद उसे अस्थायी रूप से गाजीपुर की स्थानीय जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। पीठ ने कहा कि गाजीपुर जिला प्रशासन सत्यापित करेगा कि क्या 11 अप्रैल को अन्य रस्म होनी है और यदि हां, तो अब्बास को पुलिस हिरासत में उसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। न्यायालय ने कहा कि अब्बास को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए। न्यायालय ने कहा कि उसे 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाए।

अदालत ने कहा कि पुलिस यह सुनिश्चित करने के लिए आगंतुकों की तलाशी लेगी कि ‘फातिहा’ रस्म के आयोजन स्थल या अब्बास अंसारी के पैतृक घर में कोई भी व्यक्ति हथियार नहीं ले जा सके। पीठ ने अब्बास की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का यह बयान भी दर्ज किया कि अब्बास मीडिया को संबोधित नहीं करेगा। पीठ ने कहा कि अब्बास ने अपने पिता को खो दिया है और वह न्यायिक हिरासत में होने के कारण अंत्येष्टि में शामिल नहीं हो सका था।

उत्तर प्रदेश

कोरोना की दवाओं की परमिशन देने वालों पर चलाया जाना चाहिए हत्या का मुकदमा: अखिलेश यादव

Published

on

Loading

लखनऊ। कोरोना वायरेस के टीके ‘कोविशील्ड’ की गुणवत्ता पर विवाद के बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का बयान भी सामने आया है। कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे अखिलेश यादव ने इस मामले पर सत्ताधारी भाजपा हमला बोला है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जिन अधिकारियों ने इस वैक्सीन के लिए मंजूरी दी थी उन्होंने ही इस टीके को नहीं लगवाया। अखिलेश यादव ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन मैन्यूफैक्चरर से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी हाई लेवल ज्यूडिशियल जांच की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी ‘जानलेवा’ दवाओं की परमिशन देना किसी की हत्या की साजिश के बराबर है और इसके जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “एक व्यक्ति को 2 वैक्सीन के हिसाब से लगभग 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गयी है, जिसके बारे में उसका मूल फ़ार्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफ़ेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के बुरे परिणाम की आशंका थी, अब उनका शक और डर सही साबित हुआ है।” उन्होंने कहा, “लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने वालों को जनता माफ़ नहीं करेगी। ऐसी जानलेवा दवाइयों को परमिशन देना किसी की हत्या के षड्यंत्र के बराबर है और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों पर आपराधिक मुक़दमा चलना चाहिए।

गौरतलब है कि ब्रिटेन स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका ने स्वीकार किया है कि इसका कोविड टीका रक्त के थक्के जमाने संबंधी दुष्प्रभाव उत्पन्न कर सकता है, लेकिन इनके बीच कोई संबंध होने की जानकारी नहीं है. ब्रिटेन के एक अखबार ने अदालती दस्तावेज के हवाले से यह दावा किया है.

Continue Reading

Trending