मुख्य समाचार
राजनाथ ने गुजरात सरकार की प्रशंसा की
नई दिल्ली| गुजरात में दलितों पर अत्याचार के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को जिम्मेदार ठहराने के विपक्षी पार्टियों के आरोपों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मामले में कार्रवाई के लिए गुजरात सरकार की प्रशंसा की। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान कांग्रेस सदस्यों के सवाल का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, “घटना के बाद जिस तरीके से त्वरित व प्रभावी ढंग से कार्रवाई की गई, उसके लिए गुजरात सरकार प्रशंसा की पात्र है। इस मामले में नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।”
कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे तथा आम आदमी पार्टी (आप) के भगवंत मान सहित विपक्षी सदस्यों द्वारा बार-बार किए जा रहे विरोध के बीच सिंह ने कहा, “मामले में सात लोग न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि दो अन्य पुलिस हिरासत में हैं। राज्य सरकार अब तक एक पुलिस निरीक्षक सहित चार पुलिसकर्मियोंको निलंबित कर चुकी है और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही बरतने के लिए अनुशासनिक कार्रवाई की शुरुआत कर चुकी है।”
राजनाथ सिंह ने कहा, “मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार पहले ही मामले की अपराध शाखा से सीआईडी जांच का आदेश दे चुकी है।” उन्होंने कहा कि घटना उस वक्त घटी, जब एक दलित परिवार एक ‘मृत गाय’ की खाल उतार रहा था। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार मामले की त्वरित सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायालय के गठन का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा, “लेकिन, इस संबंध में राज्य सरकार को उच्च न्यायालय की मंजूरी लेनी होगी।” राजनाथ सिंह ने कहा कि एक विशेष सरकारी वकील की नियुक्ति हो चुकी है और राज्य सरकार का इरादा आरोपियों के खिलाफ 60 दिनों के भीतर आरोप पत्र तैयार करने का है। गृह मंत्री ने कहा कि दलितों के खिलाफ अपराध दुर्भाग्यपूर्ण है और यह ‘सामाजिक बुराई’ को दर्शाता है।
उन्होंने सभी विपक्षी पार्टियों के नेताओं से इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार करने व इस बुराई के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। गृह मंत्री ने कहा कि 12 जुलाई को विदेश दौरे से लौटने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर उन्हें बुलाया और घटना के बारे में जानकारी ली। राजनाथ ने कहा, “प्रधानमंत्री ने घटना की कड़े शब्दों में निंदा की। इस घटना से उन्हें गहरा आघात पहुंचा है।”
कांग्रेस सदस्य गृह मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सदन से बहिर्गमन किया। शोर-शराबे के बीच कांग्रेस नेता खड़गे ने जानना चाहा कि सरकार मामले की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय कमेटी (जेपीसी) के गठन के लिए तैयार है या नहीं। इस पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला, जिसके बाद कांग्रेस सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
खड़गे ने कहा, “जब भी हम कोई मुद्दा उठाते हैं, केंद्रीय मंत्री 60 वर्षो के भारतीय इतिहास की चर्चा शुरू कर देते हैं।” इससे पहले, मामले को उठाते हुए कांग्रेस के कोदिकुन्निल ने इस घटना के लिए गुजरात सरकार को जिम्मेदार ठहराया। तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने भी सदन से बहिर्गमन किया।
नेशनल
जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा
नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।
संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।
जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।
संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।
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