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आध्यात्म

हनुमान जयंती पर पीएम मोदी करेंगे 108 फ़ीट ऊंची हनुमान प्रतिमा का अनावरण

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आज हनुमान जयंती है, देश भर में इसे लेकर कई कार्यक्रम हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर गुजरात के मोरबी में भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति का अनावरण करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।

हनुमान मूर्ति स्थापना श्रृंखला की पहली मूर्ति वर्ष 2010 में उत्तर दिशा में यानी शिमला में स्थापित की गई थी। पीएमओ ने कहा कि दक्षिण दिशा में यह मूर्ति रामेश्वरम में स्थापित की जानी है और इसका काम भी आरंभ हो गया है। इधर रामनवमी के दिन मध्यप्रदेश के खरगोन में हुए हिंसा के बाद हनुमान जयंती के जुलूस के लिए हाई अलर्ट जारी किया गया है।

पीएम मोदी आज शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात में भगवान हनुमान की एक विशालकाय मूर्ति का उद्घाटन करेंगे। PMO के मुताबिक चार धाम परियोजना के तहत देश के चारों दिशाओं में हनुमान की मूर्ति स्थापित की जानी है। इस कड़ी में यह हनुमान की दूसरी मूर्ति होगी जो पश्चिम दिशा में होगी। इसकी स्थापना मोरबी के बापू केशवानंद आश्रम में की गई है।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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