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चार सालों में तैयार करेंगे 200 से अधिक एयरपोर्ट : पीएम मोदी

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लखनऊ। तथागत भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर बुधवार को अंतरराष्ट्रीय उड़ान सेवा से विकास का नया आसमान छूने की दिशा में अग्रसर हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सतत प्रयासों से यहां बने प्रदेश के तीसरे इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने उन क्षेत्रों की एयर कनेक्टिविटी पर अधिक जोर दिया जहां के बारे में लोगों ने सोचा तक नहीं था। सरकार की कोशिश है कि आने वाले तीन-चार सालों में 200 से अधिक एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट और सीप्लेन के लिए वाटरपोर्ट भी तैयार हों।

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का बटन दबाकर लोकार्पण करने के बाद एयरपोर्ट परिसर में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के अंतर्गत 900 से अधिक हवाई रूट स्वीकृत किए गए हैं और उनमें से 350 पर हवाई सेवा भी शुरू हो गई है। साथ ही 50 से अधिक एयरपोर्ट चालू हुए हैं। इसका प्रभाव सामान्यजन में भी दिखने लगा है। मध्यम वर्ग के अधिक लोग हवाई सेवा का लाभ लेने लगे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि एविएशन सेक्टर प्रोफेशनली चले, सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता मिले, इस पर लगातार काम हो रहा है। हाल ही में एयर इंडिया से जुड़ा एक बड़ा कदम देश ने उठाया है। यह देश के एविएशन सेक्टर को नई ऊर्जा देगा।

ऐसा ही एक रिफार्म डिफेंस एयरस्पेस का सिविल यूज के लिए भी उठा है। इससे कई रूट पर दूरी व समय की बचत हुई है। पीएम ने कहा कि एविएशन सेक्टर में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए पांच एयरपोर्ट पर आठ नई फ्लाइंग एकेडमी स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। पीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने के साथ ही जेवर (नोएडा) इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है। अयोध्या, आजमगढ़, अलीगढ़, चित्रकूट, मुरादाबाद, श्रावस्ती में भी एयरपोर्ट पर काम चल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ सप्ताह में ही दिल्ली से कुशीनगर के लिए स्पाइसजेट की सीधी उड़ान सेवा शुरू हो जाएगी। इससे घरेलू यात्रियों व श्रद्धालुओं को काफी सुविधा मिलेगी

हर क्षेत्र में जीवन को बदलने वाली है ड्रोन नीति

प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल ही में बनी हमारी ड्रोन नीति कृषि से लेकर स्वास्थ्य तक, डिजास्टर मैनेजमेंट से लेकर डिफेंस तक जीवन को बदलने वाली है। द्रोण की मैन्यूफैक्चरिंग से लेकर फ्लाइंग ट्रेंड मैनपावर के लिए एक इको सिस्टम विकसित हो रहा है। इसी क्रम में उन्होंने पीएम गतिशक्ति की चर्चा करते हुए कहा कि इस मास्टर प्लान के लांच होने से गवर्नेन्स में तो सुधार आएगा ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़क, रेल व हवाई मार्ग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर एक दूसरे को सपोर्ट करें। पीएम ने बताया कि सिविल एविएशन क्षेत्र में 1000 नए विमान जुड़ने का अनुमान लगाया गया है।आजादी के अमृतकाल में एविएशन सेक्टर राष्ट्र की प्रगति का प्रतीक बनेगा और उत्तर प्रदेश की ऊर्जा भी इसमें शामिल होगी।

भारत विश्व भर के बौद्ध समाज की आस्था और प्रेरणा का केंद्र: पीएम

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत विश्व भर के बौद्ध समाज की आस्था और प्रेरणा का केंद्र है। कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की यह सुविधा उनकी आस्था को अर्पित पुष्पांजलि है। भगवान बुद्ध के ज्ञान से लेकर उनकी महापरिनिर्वाण का साक्षी यह क्षेत्र अब सीधे दुनिया से जुड़ गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि श्रीलंकन फ्लाइट का यहां उतारना इस पुण्य भूमि को नमन करने की तरह है। अति पूजनीय महासंघ व अन्य महानुभाव का कुशीनगर आज गर्व से स्वागत कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भी सुखद संयोग है कि आज महर्ष बाल्मीकि की जयंती भी है। उनकी प्रेरणा से देश सबको साथ लेकर, सब के प्रयास से, सबका विकास कर रहा है।

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दोहरी खुशी

पीएम मोदी ने कहा कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट दशकों की आशाओं और अपेक्षाओं का परिणाम है। आज यहां मुझे दोहरी खुशी हो रही है। आध्यात्मिक यात्रा के जिज्ञासु के रूप में मन में संतोष के भाव हैं तो पूर्वांचल क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में यह कमिटमेंट पूरा होने की घड़ी है।

कुशीनगर का विकास केंद्र व राज्य सरकार की प्राथमिकता

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुशीनगर का विकास केंद्र व उत्तर प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट के होने से यह क्षेत्र भारत का ही नहीं श्रीलंका, थाईलैंड, कंबोडिया, जापान, कोरिया, लाओस, सिंगापुर आदि के श्रद्धा व आकर्षण का केंद्र बनने जा रहा है। उन्होंने बताया कि भगवान बुद्ध से जुड़े स्थानों को विकसित करने व उन्हें बेहतर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए सरकार की तरफ से विशेष ध्यान दिया जा रहा है। भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुंबिनी यहां से बहुत दूर नहीं है। कपिलवस्तु बिल्कुल पास ही है। भगवान बुद्ध ने जहां पहला उपदेश दिया था वह सारनाथ वह भी 200 किलोमीटर दूर है। तथागत ने जहां ज्ञान प्राप्त किया वह बोधगया भी कुछ घण्टों की दूरी पर है। इंटरनेशनल एयरपोर्ट होने से भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर का जुड़ाव देश के हर कोने से हो गया है।

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से विकसित होगा समग्र विकास का इको सिस्टम

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सिर्फ एयर कनेक्टिविटी का माध्यम नहीं बनेगा। बल्कि, इसके बनने से किसानों, पशुपालकों, दुकानदारों, श्रमिकों, उद्यमियों सभी को इसका सीधा लाभ मिलेगा। इसके जरिए व्यापार, कारोबार, उद्यम का एक इको सिस्टम विकसित होगा। सबसे ज्यादा फायदा यहां के पर्यटन क्षेत्र को होगा। इससे ट्रैवल, टैक्सी वालों, रेस्टोरेंट्स, छोटे-मोटे बिजनेस करने वालों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

पर्यटन के हर स्वरूप में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत जरूरी

अपने संबोधन में पर्यटन विकास की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यटन का कोई भी स्वरूप हो, उसके विकास के लिए आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत जरूरी है। रेलवेज, रोडवेज, एयरवेज, वाटरवेज की बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही होटल, इंटरनेट, साफ-सफाई, पर्यावरण अनुकूल एनर्जी आदि सभी पर्यटन को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करते हैं। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का भारत इसी सोच के साथ आगे बढ़ रहा है।

वैक्सिनेटेड कंट्री के रूप में भारत से जुड़ा पर्यटन का नया पहलू

पीएम मोदी ने पर्यटन के क्षेत्र में वर्तमान समय मे कोविड वाक्सिनेशन की अपरिहार्यता की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वैक्सिनेटेड कंट्री के रूप में भारत से पर्यटन का नया पहलू भी जुड़ गया है। वैक्सिनेशन में भारत की प्रगति दुनिया को प्रेरित करेगी और इस वैक्सिनेटेड देश में आने को पर्यटक प्रेरित होंगे।

बौद्ध सर्किट की परिकल्पना को साकार किया पीएम मोदी ने : सीएम योगी

एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि यह उत्तर प्रदेश का सौभाग्य है कि भगवान बुद्ध से जुड़े सर्वाधिक स्थल उत्तर प्रदेश में है। भगवान बुद्ध की राजधानी कपिलवस्तु, ज्ञानोपदेश का केंद्र सारनाथ, जहां उन्होंने चातुर्मास व्यतीत किया वह श्रावस्ती, जहां उन्होंने कथा श्रवण कराया वह कौशांबी, संकिसा और उनकी महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर। यह सब इसी प्रदेश में हैं। इन स्थलों के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम ने बौद्ध सर्किट की परिकल्पना को साकार किया है। उन्होंने कहा कि कुशीनगर भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली होने के नाते पूरे विश्व के बौद्ध अनुयायियों के लिए गहरी आस्था व श्रद्धा का केंद्र है। तथागत ने जिस मैत्री व करुणा का संदेश दिया उसके लिए विश्व मानवता सदैव ऋणी है। भारत के इसी मंत्र को आगे बढ़ाते हुए पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में कहा था, “दुनिया के देशों ने युद्ध दिया है जबकि भारत ने बुद्ध दिया है।” सीएम योगी ने कहां की पूरी उत्तर प्रदेश आजादी के बाद लगातार उपेक्षित रहा। कुशीनगर से शुरू हो रही विकास की नई उड़ान क्षेत्र के पांच करोड़ लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएगा। विकास की इसी कड़ी में सड़क के साथ ही वायुमार्ग से देश-दुनिया के लिए उड़ान प्रारम्भ हो रहा है।

यूपी के हवाई अड्डों से 75 स्थानों के लिए सीधी वायुसेवा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1947 से 2014 तक उत्तर प्रदेश में सिर्फ दो एयरपोर्ट फंक्शनल थे, लखनऊ और वाराणसी। उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी 15 से 16 शहरों तक की ही थी। आज प्रदेश में कुशीनगर 9वें एयरपोर्ट के रूप में फंक्शनल हुआ है। उत्तर प्रदेश के हवाई अड्डों से 75 प्रमुख शहरों के लिए सीधी हवाई सेवा है। उन्होंने कहा कि उड़ान योजना को लेकर प्रधानमंत्री की मंशा थी कि हवाई चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी हवाई जहाज की यात्रा करें। बेहतर हुई एयर कनेक्टिविटी से यह संभव हुआ है। सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश में 11 नए एयरपोर्ट पर काम हो रहा है। नोएडा और अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की कार्य प्रक्रिया को युद्ध स्तर पर आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश में एयर कनेक्टिविटी के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। कुशीनगर का इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही पश्चिमोत्तर बिहार और पड़ोसी देश नेपाल के लोगों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण होगा। इस एयरपोर्ट के जरिये पर्यटन के साथ ही रोजगार और निवेश की संभावनाएं भी सशक्त होंगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम की गाथा जन जन तक पहुंचाने वाले रामायण महाग्रन्थ के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को उनकी जयंती पर नमन किया।

कुशीनगर से दिल्ली की सीधी उड़ान 26 नवम्बर से: ज्योतिरादित्य सिंधिया

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लोकार्पण समारोह में केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने 26 नवम्बर से दिल्ली-कुशीनगर के लिए सीधी उड़ान सेवा की घोषणा की। उन्होंने बताया कि उड़ान की सेवा हफ्ते में चार मिलेगी। इसके साथ ही 18 दिसम्बर से मुंबई के लिए भी यहां से उड़ान शुरू हो जाएगी। कोलकाता के लिए भी सीधी फ्लाइट होगी। इस तरह कुशीनगर देश की राजनीतिक राजधानी और आर्थिक राजधानी से सीधे जुड़ जाएगा।
श्री सिंधिया ने बताया कि कुशीनगर में एयरपोर्ट निर्माण का जो कार्य 79 वर्षों में संभव नहीं हो सका, उसे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संभव कर दिखाया गया है। 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के समय यहां हवाई पट्टी बनाई गई लेकिन तबसे यह उपेक्षित रहा। दो साल में 260 करोड़ रुपये की लागत से करीब छह सौ एकड़ में बना यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट कीर्तिमान स्थापित कर रहा है।

यूपी में बनेंगे 17 नए हवाई अड्डे

श्री सिंधिया ने बताया कि आने वाले समय मे यूपी में 17 नए हवाई अड्डे बनेंगे। कहा कि 70 सालों में देश मे 74 हवाई अड्डे थे जबकि 7 सालों में 54 नए बने हवाई अड्डों से यह संख्या 128 हो गई है। यह इस बात का द्योतक है कि पीएम मोदी हैं तो मुमकिन है। केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री ने भगवान बुद्ध के जीवन इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट देश के आठ प्रमुख बौद्ध स्थलों को जोड़ने और देश-दुनिया के बौद्ध अनुयायियों की आध्यात्मिक उद्देश्य पूर्ति का माध्यम बनने जा रहा है। उन्होंने सभी को अभिधम्म दिवस और वाल्मीकि जयंती की बधाई दी और कहा कि भारत ने सदैव भगवान बुद्ध के मार्ग का अनुसरण किया है।

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी, केंद्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपदयसो नाइक, केंद्रीय संसदीय कार्य एवं संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं नागरिक विमानन राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह, केंद्रीय विदेश एवं संस्कृति राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी, उत्तर प्रदेश सरकार के नागरिक विमानन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता “नंदी” कुशीनगर के सांसद विजय कुमार दूबे, विधायक रजनीकांत मणि भी पीएम मोदी के मंच पर मौजूद रहे।

प्रदेश का सबसे लंबा रनवे वाला एयरपोर्ट

पीएम मोदी के हाथों बुधवार को लोकार्पित कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रदेश का तीसरा फंक्शनल और सबसे लंबे रनवे वाला एयरपोर्ट है। 45 मीटर की चौड़ाई में इसके रनवे की लंबाई 3200 मीटर है। 260 करोड़ रुपये से 589 एकड़ में बने इस एयरपोर्ट के एप्रन पर एकसाथ चार बड़े हवाई जहाज खड़े किए जा सकते हैं। इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से सीधी इंटरनेशनल एयर कनेक्टिविटी की सुविधा हो गई है। इससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि का अनुमान है। कुशीनगर में इंटरनेशनल एयरपोर्ट के क्रियाशील हो जाने से पूर्वांचल में पर्यटन विकास के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही स्थानीय उद्योगों व उत्पादों को वैश्विक पहचान मिलेगी।

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लोकसभा के शोले और रहीम चाचा की खामोशी

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सच्चिदा नन्द द्विवेदी एडिटर-इन-चीफ

हिन्दी सिनेमा की कालजई फिल्म शोले के रहीम चाचा का किरदार आपको जरूर याद होगा। उनका एक डायलॉग था जिसमें वो कहते है “इतना सन्नाटा क्यूँ है भाई” उस वक्त पूरे रामगढ़ में किसी के पास इसका जवाब नहीं था, कमोवेश ठीक वैसे ही हालात इस वक्त लोकसभा चुनाव में नजर आ रहे हैं। लोकसभा के चुनाव के दो चरण पूरे हो चुके हैं पर पूरे देश में कहीं भी ऐसा नजर नहीं आता कि हम अगले पाँच साल के लिए अपने नुमाइंदे चुनने जा रहे हैं। एक अजीब खामोशी नुमायाँ है। गांव, कस्बों और शहरों तक में होर्डिंग और पोस्टर नजर नहीं आ रहे हैं और न ही कानफोडू लाऊडस्पीकर पर वोट मांगने वालों का शोर सुनाई दे रहा है, चाय की टपरी और पान के खोखों पर जमा होने वाली भीड़ अपने होंठों को सिले हुए है।

एक वक्त था जब हम लोग चाय की टपरी, पान की दुकान और रास्तों के ढाबों से देश का मूड भांप लेते थे। मतदाताओं के मन में क्या चल रहा है इसका अंदाज लगाना आसान था। लेकिन आज स्थिति उलट है इन जगहों पर खड़ा आम आदमी आपसे ही उल्टा पूछ लेता है ‘और क्या चल रहा है’ इंसान-इंसान के बीच अविश्वास की खाई इतनी गहरी हो गई है कि वो पब्लिक प्लेस पर अब राजनीतिक बात करने से गुरेज करने लगा है। वोटर अपने मन की बात जुबान पर नहीं लाना चाहता हैं क्यूंकी अब वो रेडियो पर ‘मोदी जी’ के मन की बात सुन रहा है और अपने मन की बात अपने मन में रखे हुए है। उसे डर है और ये डर मिश्रित चुप्पी स्वस्थ लोकतंत्र के लिए अच्छा लक्षण नहीं है।

लोकसभा चुनाव के पहले चरण की तरह दूसरे चरण में भी वोटिंग 2019 के मुकाबले कम हुई है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों पर 64 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन सीटों पर भी 70 प्रतिशत से ज्यादा मतदान हुआ था। ऐसे ही इस बार दूसरे चरण में 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीटों पर करीब 63 फीसदी वोट पड़े। यह 2019 के लोकसभा चुनाव में 70.09% मतदान के मुकाबले काफी कम था। यूपी, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे बड़े राज्यों में वोटिंग उम्मीद से काफी कम रही। यूपी में 54.85%, बिहार में 55.08% , महाराष्ट्र में 57.83% , एमपी में 57.88 % वोटिंग हुई। सबसे अधिक वोट त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में पड़े। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में सात मई को वोटिंग है। इसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 95 सीट पर मतदान होगा, जिसके लिए 1351 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।

जब 7 मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और 1 जून को तीसरे, चौथे, पांचवे, छठे और सातवें चरण का मतदान होगा तो इस दौरान देश के अधिकतर हिस्सों में गर्मी के साथ लू का असर दिखाई देगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों से पता चलता है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 72% निर्वाचन क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 35°C या इससे अधिक हो सकता है। विशेष रूप से, 59 सीटों पर 40-42 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान का सामना करना पड़ सकता है। जबकि 194 सीटों पर 37.5-से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान देखा जा सकता है। लेकिन इस गर्मी के बीच क्षेत्रीय दलों के नेता काफी तेजी से अपने इलाके के मतदाताओं पर पकड़ बना रहे हैं और उन सवालों को उठा रहे हैं जिनसे देश का किसान, मजदूर और नौजवान चिंतित है। इसलिए उनके प्रति आम जनता की अपेक्षाएं बढ़ी हैं इसलिए विपक्षी गठबंधन के नेताओं की रैलियों में भारी भीड़ आ रही है। जबकि भाजपा की रैलियों का रंग उसके मुकाबले फीका नजर या रहा है।

हालांकि रैली में आने वाली भीड़ जीत का पैमाना नहीं होती इसलिए कुछ कहा नहीं जा सकता। हर दल का अपना एक समर्पित काडर होता है। जबकि आज काडर के नाम पर ज्यादातर दलों के पास सत्ता के छत्ते से चिपकी रहने वाली मधुमक्खी ही ज्यादा नजर या रहीं है ये वो लोग हैं जिन्हें सत्ता की दलाली करने के अवसरों की तलाश होती है। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ जिसके पास काडर है कार्यकर्ता हैं वो भी खामोश नजर आ रहा है। बहरहाल लगातार कम होते मतदान ने नेताओं की धुकधुकी बढ़ा रखी है। सत्ता पक्ष मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए परेशान है तो विपक्ष कम प्रतिशत को अपने पक्ष में मानकर मुंगेरीलाल के सपने बुनने में मगन है।

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