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अन्तर्राष्ट्रीय

मक्खन पर नहीं, मैं पत्थर पर लकीर खींचता हूं: टोक्यो में बोले पीएम मोदी

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टोक्यो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आज उन्होंने वहां भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा मुझे मक्खन पर लकीर खींचने में मजा नहीं आता, पत्थर पर लकीर खींचता हूं। मुझे संस्कार ही कुछ ऐसे मिले हैं कि हमेशा बड़ी चुनौतियों और लक्ष्यों के लिए काम करता हूं।

उन्होंने कहा कि आज भारत जब आजादी के 75 सालों को जश्न मना रहा है तो हम आने वाले 25 सालों की योजना भी तैयार कर रहे हैं। हमने बहुत बड़े संकल्प लिए हैं, जो कठिन लगते हैं। लेकिन मुझे जो संस्कार मिले हैं और जिन लोगों ने मुझे गढ़ा है, उससे मेरी एक आदत पड़ गई है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, मेरे साथ 130 करोड़ देशवासियों का आत्मविश्वास, संकल्प और सपने हैं। इन्हें पूरा करने का विराट सामर्थ्य हमारे पास है और इसका परिणाम जरूर आएगा।’

उन्होंने कहा कि बीते दो सालों में ग्लोबल सप्लाई चेन को नुकसान पहुंचा है और उस पर सवाल खड़े हुए हैं। हम इस संकट से भविष्य में बचने के लिए आत्मनिर्भरता के संकल्प की ओर आगे बढ़ रहे हैं।

हमारा यह निवेश सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि ग्लोबल चेन के लिए है। आज पूरी दुनिया को अहसास हो रहा है कि भारत जिस स्पीड और स्केल पर काम कर सकता है, वह अभूतपूर्व है।

हमारे विकास का साथी है जापान, बुलेट में भी दे रहा योगदान

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया ने यह भी देखा है कि कैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर और संस्थाओं के निर्माण के लिए तेजी से हम काम कर रहे हैं। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट समेत कई परियोजनाएं भारत और जापान के सहयोग के उदाहरण हैं।

भारत में बदलावों की वजह यह है कि हमने एक सशक्त लोकतंत्र की पहचान बनाई है और लोगों को डिलिवरी हो रही है। आज देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था से वे लोग भी जुड़ रहे हैं, जो कभी गर्व से यह नहीं मानते थे कि वे भी हिस्सा हैं।

भारत के चुनावों में अब पुरुषों से ज्यादा महिलाएं वोट डाल रही हैं। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत में डेमोक्रेसी सामान्य नागरिकों के हकों के प्रति कितनी सजग और समर्पित है।’

हर जापानी युवा को करनी चाहिए भारत की यात्रा

हर हर महादेव और भारत माता की जय के नारों के बीच पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत अपने खोये हुए विश्वास को फिर से हासिल कर रहा है। दुनिया भर में कोई भी भारतीय आज हिंदुस्तान की बात बड़े गर्व से कर रहा है। यह परिवर्तन आया है।

आज खादी ग्लोबल बन गई है। दुनिया में भारत की हल्दी की मांग हो रही है। आज का भारत अपने अतीत को लेकर जितना गौरवान्वित है। उतना ही तकनीक और टैलेंट को लेकर भी भरोसा रखता है।

स्वामी विवेकानंद का कहना था कि हम भारतीयों को कम से कम एक बार जापान की यात्रा जरूर करनी चाहिए। लेकिन आज मैं कहूंगा कि जापान के हर युवा को भारत की यात्रा जरूर करनी चाहिए।

कोरोना काल में भी हमने लोगों को सीधी मदद दी

कोरोना काल में अपनी सरकार के काम गिनाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमने डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर के तहत कोरोना काल में भी लोगों को सीधे तौर पर मदद की है। इन मुश्किल हालातों में भी भारत का बैंकिंग सिस्टम निरंतर चलता रहा।

इसकी वजह भारत में आई डिजिटल क्रांति भी है।आप लोगों को यह जानकर खुशी होगी कि पूरी दुनिया में जो डिजिटल लेनदेन होते हैं, उसमें से 40 प्रतिशत हिस्सेदारी अकेले भारत की है।

कोरोना के शुरुआती दिनों में जब सब बंद था, तब भी भारत सरकार एक क्लिक बटन दबाकर करोड़ों भारतीयों तक मदद पहुंचा रही थी। यही नहीं जिसके लिए मदद थी, उसी को मिली और समय पर दी गई। भारत में आज पीपुल लेड गवर्नेंस है। इसी के चलते लोकतंत्र में लोगों की आस्था बढ़ गई है।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका के साउथ कैरोलिना में बड़ा सड़क हादसा, गुजरात की तीन महिलाओं की मौत

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नई दिल्ली। अमेरिकी राज्य साउथ कैरोलिना में एक घातक कार दुर्घटना में गुजरात के आणंद की रहने वाली तीन महिलाओं की जान चली गई। मृतकों की पहचान रेखाबेन पटेल, संगीताबेन पटेल और मनीषाबेन पटेल के रूप में हुई है।

यह दुर्घटना अटलांटा से ग्रीन वैली साउथ कैरोलिना जाते समय हुई। कार डिवाइडर से टकराकर 20 फीट ऊपर उछली और सड़क के दूसरी तरफ पेड़ों के बीच जाकर गिरी। यह हादसा अमेरिकी समयानुसार शुक्रवार सुबह 11 बजे हुआ।

हादसे में तीन महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कार चला रही महिला को गंभीर चोटें लगी हैं और वह अस्पताल में भर्ती है। हादसे के तुरंत बाद अपातकालीन सेवाओं की टीम और साउथ कैरोलीना हाइवे पेट्रोल टीम, स्थानीय अग्निशमन दल और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचीं और सभी को गाड़ी से बाहर निकाला। कार चला रही महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

तीनों महिलाएं एक-दूसरे की रिश्तेदार हैं। इनके पति आपस में भाई हैं। पूरा परिवार 1985 में अमेरिका में बस गया था। तीनों जॉर्जिया की रहने वाली थीं। वाहन की पहचान करने वाले सिस्टम ने पहले ही पटेल परिवार को चेतावनी दी थी।

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