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उत्तराखंड

चालदा महासू देवता की पालकी 150 साल बाद पहुंची नराया

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चालदा महासू देवता की पालकी, 150 साल बाद पहुंची नराया, चंदऊ गांव के लोगों की आंखें नम, नराया गांव के लोगों में खासा उत्साह

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चालदा महासू देवता की पालकी, 150 साल बाद पहुंची नराया, चंदऊ गांव के लोगों की आंखें नम, नराया गांव के लोगों में खासा उत्साह

Mahasu Devta

विकासनगर (देहरादून)। 150 साल बाद चालदा महासू देवता की पालकी ने विकासनगर क्षेत्र के नराया गांव में प्रवेश किया। अभी तक देवता की पालकी चंदऊ गांव में थी। इस ऐतिहासिक क्षण को लेकर जहां चंदऊ गांव के लोगों की आंखें नम थीं, वहीं नराया गांव के लोगों में खासा उत्साह दिखायी दिया।

सुबह चार बजे चंदऊ स्थित मंदिर में ढोल-दमाऊ और रणसिंगा की धुनों के बीच देव पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोचारण के बीच देवता की विशेष पूजा अर्चना की। जिसके नौ बजे देव पालकी को बाहर निकाला गया। इस दौरान पूरा गांव देव के जयकारों से गूंज उठा। देव पालकी को कंधा देने के लिए लोग में होड़ मची रही।

चंदऊ गांव की महिलाओं ने देवता को धूप दिखाकर नराया गांव के लिए रवाना किया। सीढियों पर हाथ जोड़ खड़ी महिलाओं ने देवता से जल्द ही दुबारा खत में आने का आग्रह किया।

चंदेऊ में देवता की पालकी करीब दो तक रही। देव पालकी टिपऊ, पजिटिलानी, सलगा होते हुए नराया पहुंची। जहां पहले ही सैकड़ों की संख्या में लोग देवता के स्वागत के लिए खड़े नजर आए। जहां भी नजर जा रही थी देवता के उद्घोष लगाते लोग नजर आ रहे थे। देवता के गांव में प्रवेश करते ही उन पर फूल, चावल की बारिश होने लगी।

देव पालकी के आगे देव चिन्ह में शामिल छड़ी, मीठू, पाथा, लोटा, सुराही, पूजा थाल, आसन, शंख, घंटी, पडार को लिए लोग चल रहे थे। जिसके पीछे पुरानी पालकी और सबसे अंत में देव पालकी को उठाए मंदिर समिति खत बमठाड़ के अध्यक्ष प्रकाश सिंह तोमर चल रहे थे।

शाम तीन बजे देव पालकी ने मंदिर के गृभगृह में प्रवेश किया। आसपास की कई खतों (कई गांवों का एक समूह) के लोग भी इस देव संयोग का साक्षी बनने के लिए नराया पहुंचे। करीब दो साल तक देवता नराया गांव में ही प्रवास करेंगे।

 

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उत्तराखंड

10 मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, पहले ही दिन हुए 2 लाख से ज्यादा पंजीकरण

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नई दिल्ली। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके लिए सोमवार से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई। पहले ही दिन चार धाम के लिए दो लाख से अधिक पंजीकरण हो गए हैं। सबसे अधिक 69 हजार पंजीकरण केदारनाथ धाम के लिए हुए हैं।

रजिस्ट्रेशन की सुविधा मोबाइल ऐप, वॉट्सऐप और टोल फ्री नंबर पर भी है। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी होगा। इस बार चारधाम यात्रा शुरू होने से 25 दिन पहले यात्रियों को रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जा रही है, जिससे प्रदेश के बाहर से आने वाले यात्री अपना प्लान बनाकर आसानी से रजिस्ट्रेशन कर सकें।

रजिस्ट्रेशन के लिए नाम, मोबाइल नंबर के साथ यात्रा करने वाले सदस्यों का ब्योरा, निवास स्थान के पते के लिए आईडी देनी होगी। पर्यटन विभाग की वेबसाइट रजिस्ट्रेशन एंड टूरिस्ट केअर डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन पर लॉगिन कर रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। इसके अलावा वॉट्सऐप नंबर-8394833833 पर यात्रा लिखकर मैसेज करके भी पंजीकरण कर सकते हैं। पर्यटन विभाग ने टोल फ्री नंबर-0135-1364 पर कॉल करके पंजीकरण की सुविधा दी है। स्मार्ट फोन पर टूरिस्टकेअरउत्तराखंड मोबाइल ऐप से भी रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।

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