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आध्यात्म

भगवान निगुर्ण है, उसे कोई नहीं जान सकता

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भगवान निगुर्ण है

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पूर्ण से पूर्णनिकालो पूर्ण बचता है। ऐसा है वो पूर्णतम पुरुषोत्‍तम ब्रह्म-

न पश्‍यति त्‍वां परमात्‍मनोऽजनो न बुध्‍यतेऽद्यापि समाधियुक्तिभिः।

(भाग. 9-8-22)

ब्रह्मा, ओ समाधि लगा कर थक गया, नहीं जान सका और गीता भी आपकी यही कहती है-

वेदाहं समतीतानि वर्तमानानि चार्जुन।

भविष्‍याणि च भूतानि मां तु वेद न कश्र्चन।।

(गीता 7-26)

मुझे कोई नहीं जानता अर्जुन! क्‍यों नहीं जानता? या जान सकता?-

त्रिभिर्गुणमयैर्भावैरेभिः सर्वर जगत् ।

मोहितं नाभिजानाति मामेभ्‍यः परमव्‍ययम् ।।

(गीता 6-13)

सब चीजों की बुद्धि तीन गुण के आधीन है, सत्‍त्‍वगुण, रजोगुण, तमोगुण और वो निर्गुण है, गुणातीत है। इसलिये कोई नहीं जान सकता-

इन्द्रियाणि पराण्‍याहुरिन्द्रियेभ्‍यः परं मनः।

मनसस्‍तु परा बुद्धिर्योबुद्धेः परतस्‍तु सः।।

(गीता 3-42)

 

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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