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इशरत मामले में सोनिया, राहुल ने कभी हस्तक्षेप नहीं किया : कांग्रेस

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इशरत मामले में सोनिया राहुल का हस्तक्षेप नहीं, भारतीय जनता पार्टी की आलोचना, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, इशरत मामले में बाधा पंहुचाने की कोशिश

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इशरत मामले में सोनिया राहुल का हस्तक्षेप नहीं, भारतीय जनता पार्टी की आलोचना, पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, इशरत मामले में बाधा पंहुचाने की कोशिश

नई दिल्ली| इशरत जहां मामले में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना झेल रही कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी तथा उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इशरत जहां मामले सहित किसी भी प्रशासनिक मामले में कभी दखलंदाजी नहीं की। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां जारी एक बयान में कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विपरीत सोनिया गांधी व राहुल गांधी ने इशरत जहां मामले सहित किसी भी प्रशासनिक मामले में न तो तत्कालीन गृहमंत्री पी.चिदंबरम और न ही किसी अधिकारी के काम में किसी तरह का हस्तक्षेप किया और न ही कोई सुझाव दिया।”

प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोलते हुए सुरजेवाला ने कहा, “नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को 125 करोड़ भारतीयों को इशरत जहां मामले की सुनवाई में बाधा पैदा करने के पीछे छिपी असल मंशा से अवगत कराना चाहिए।” सुरजेवाला ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने साथियों और प्यादों के साथ मिलकर कांग्रेस अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की भूमिका के बारे में झूठ फैलाने का काम बंद करना चाहिए।” उन्होंने कहा, “इस तरह के शातिर प्रयासों से नरेंद्र मोदी और अमित शाह देश की जनता का ध्यान भटका रहे हैं, लेकिन वे सच्चाई को दबा नहीं सकते।” इशरत जहां मुठभेड़ मामले में केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री निर्माला सीतारमण तथा भाजपा के अन्य प्रवक्ताओं के बयानों के बाद कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया सामने आई है।

निर्मला सीतारमण व भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इशरत जहां मामले में सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनका कहना है कि कांग्रेस ने गुजरात में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को खत्म करने की साजिश रची थी। सीतारमण ने सोमवार को कहा, “यहां राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे, जिनका मुकाबला कांग्रेस राजनीतिक तौर पर नहीं कर सकती थी। इसलिए उसने चुपचाप एक आतंकी साजिश को शह दी। इशरत जहां मुठभेड़ मामले का राजनीतिकरण कर कांग्रेस ने देश की सुरक्षा के साथ समझौता किया। उन्होंने पूरे सुरक्षा नेटवर्क को कमजोर किया।” वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने जोर देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को इस बात का जवाब देना चाहिए कि वे अहमदाबाद की महानगर अदालत तथा गुजरात उच्च न्यायालय की खंडपीठ के निष्कर्ष से क्यों कन्नी काटने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस ने कहा, “केंद्र सरकार व गुजरात सरकार उन अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की मंजूरी क्यों नहीं दे रही, जो इशरत जहां और उसके साथियों के फर्जी मुठभेड़ के जिम्मेदार थे? प्रधानमंत्री व भाजपा अध्यक्ष आखिर क्यों मामले की जारी सुनवाई में बाधा पैदा करने व न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास कर रहे हैं? “

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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