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दूल्हे ने सीएम योगी से कहा, क्या मैं हिंदू नहीं हूं, जानें क्या है कारण

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हाथरस। अपने देश को आजादी मिले 70 सालों से ज्यादा का समय बीत गया है लेकिन समाज में आज भी दलितों को जलालत और अपमान की जिंदगी जीना पड़ रहा है। मानसिक अपमान झेलना भी इस वर्ग की नियति सी बन गई है। ताजा मामला यूपी के हाथरस जनपद का है। यहां के बसई बाबस गांव के रहने वाले दलित युवक संजय कुमार की शादी में कुछ ही दिन बचे हैं लेकिन उनकी शादी एक नए विवाद से जूझ रही है।

दरअसल संजय की होने वाली पत्नी कासगंज के निजामाबाद की रहने वाली हैं, जोकि एक ठाकुर बहुल (सवर्ण) गांव है। संजय चाहते हैं कि उनकी बारात गांव से होकर निकले लेकिन ठाकुर समुदाय इसका विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि जब उनके इलाके वाले रास्ते पर पहले कभी बारात आई ही नहीं तो ये नई मांग क्यों की जा रही है। जो रास्ता दलितों की बारात के लिए इस्तेमाल होता है, वहीं से बारात ले जानी चाहिए। इस संबंध में संजय ने स्‍थानीय पुलिस से लेकर सूबे के सीएम योगी आदित्‍यनाथ, डीजीपी और हर सरकारी विभाग में चिट्ठी लिखी है।

पत्र में संजय ने लिखा है ‘संविधान कहता है कि हम सब बराबर हैं, सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि हम सब हिंदू हैं। वे एक हिंदूवादी पार्टी के मुखिया हैं। फिर हमें ऐसी स्थिति का सामना क्यों करना पड़ रहा है। संजय कुमार पूछते हैं, ‘क्या मैं हिंदू नहीं हूं? एक संविधान से चलने वाले देश में लोगों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते।’

संजय कुमार की मांग पर पिछले हफ्ते कासगंज के डीएम और एसएसपी ने भी दुल्हन के गांव का दौरा किया था। जांच के बाद उन्होंने संजय से कहा कि जिस रास्ते से बारात ले जाने की मांग की जा रही है, उसकी गलियां संकरी और रास्ते पर नालियों के कारण कीचड़ भरा हुआ है।

जांच में यह भी पाया गया है कि इन रास्तों से पिछले 20 वर्षों से किसी भी दलित की बारात नहीं गुजरी है, लिहाजा ऐसे में वहां से बारात निकाले जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। लड़की के परिजन भी बारात को उसी इलाके से निकालने की मांग पर अड़े हैं।

गांव की प्रधान और ठाकुर समुदाय की कांति देवी ने कहा कि लड़की की शादी से उन्हें कोई परेशानी नहीं है मगर कोई जबरदस्ती हमारे रास्ते पर आएगा और दीवार तोड़ने की बात कहेगा तो यह कैसे संभव होगा।

कांति देवी ने कहा कि पिछले दो दशकों से जब किसी दलित की बारात कभी हमारे रास्ते से निकली नहीं है तो विवाद वाला काम क्यों किया जा रहा है? जिलाधिकारी का इस बारे में कहना है कि हिंदुओं में शादी एक भावना होती है, न कि कोई जुलूस। दलित परिवार इस मांग को लेकर बेवजह अड़ा हुआ है।

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बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

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भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

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