Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

राज्यपाल की सख्ती से विकास की जगी उम्मीद

Published

on

राज्यपाल की सख्ती से विकास की जगी उम्मीद

Loading

राज्यपाल की सख्ती से विकास की जगी उम्मीद

देहरादून। उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद से ताजा राजनीतिक घटनाक्रम में राज्यपाल ने शहर की सफाई व्यवस्था पर सख्त रुख अपना लिया है जिसके चलते नगर निगम से लेकर जिला प्रशासन में हलचल मच गयी है। नगर आयुक्त ने जहां नगर स्वास्थ्य अधिकारी को शहर में सफाई व्यवस्था की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। वहीं, जिलाधिकारी ने इसके लिए जिले के सभी जिलास्तरीय अधिकारियों की जवाबदेही तय करना शुरू कर दिया है।

इसमें नगर निगम के तहत आने वाले सभी 60 वार्डों में रहने वाले जिले के अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। डीएम ने इन सभी 60 वार्डों में रहने वाले जिला स्तरीय अधिकारियों की सूची तैयार करानी शुरू कर दी है। जिला विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, मुख्य कृषि अधिकारी हों या फिर दूसरे कोई भी जिला स्तरीय अधिकारी, जिस भी वार्ड में वे रहते हैं, मॉर्निंग वॉक और आफिस आते वक्त उन्हें सफाई व्यवस्था देखनी होगी। इसकी प्रतिदिन की रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजी जाएगी।

जिन वार्डों में सफाई ठीक नहीं होगी, वहां नगर निगम के माध्यम से सुपरवाइजर के पेंच कसकर सफाई व्यवस्था ठीक की जाएगी। जिलाधिकारी रविनाथ रमन का मानना है कि इससे शहर में सफाई व्यवस्था की असली तस्वीर सामने आ सकेगी।

फ्लाईओवर के सुस्त निर्माण से भी नाराज

75 करोड़ रुपये की राशि खर्च करने के बाद भी दून के फ्लाईओवरों का निर्माण कार्य धीमी गति से हो रहा है। फ्लाईओवर परियोजना पर नजर दौड़ाएं तो मार्च 2013 में औपचारिकताएं पूर्ण किए बगैर ही इनका शिलान्यास कर दिया गया। राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माण करने के लिए केन्द्र सरकार से भी एनओसी नहीं ली गयी थी। इन्हें फोर लेन बनाने की स्वीकृति मिली थी परन्तु बल्लीवाला व बल्लूपुर फ्लाईओवर का आकार टू-लेन कर दिया गया। लेकिन कार्य की रफ्तार नहीं बढ़ी। लंबे समय से सुस्त गति से निर्माणाधीन शहर के तीनों फ्लाईओवरों के जल्द बनने की उम्मीद जग गई है। राज्यपाल ने बुधवार को लोक निर्माण विभाग के सचिव को बैठक में निर्देश दिए कि तीनों फ्लाईओवरों का गुणवत्तापरक काम जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि आम जनता को इनसे परेशानियों का सामना न करना पड़े।

शहर में इस वक्त बल्लूपुर चैक, बल्लीवाला चैक और आईएसबीटी चैक पर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य चल रहा है। वैसे तो घोषणा के मुताबिक इन फ्लाइओवरों का निर्माण वर्ष 2014 में पूरा हो जाना चाहिए था लेकिन धीमी प्रक्रिया के चलते अभी तक यह तैयार नहीं हो पाए हैं। इस वजह से हर दिन इनके आसपास से गुजरने वाले लोगों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पूर्व सीएम हरीश रावत के प्रयासों के बावजूद भी फ्लाईओवरों के निर्माण की धीमी चाल जारी रही।

बुधवार को राज्यपाल डा. केके पाल ने लोक निर्माण विभाग के सचिव को बुलाया। उन्होंने निर्देश दिए कि तीनों फ्लाईओवर का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए। सचिव को ताकीद की कि फ्लाईओवर निर्माण की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।

निर्माण सामग्री के सड़क पर बिखरे होने से जहां यातायात प्रभावित हो रहा है, वहीं वहां उड़ने वाली धूल से भी लोग परेशान हैं। यहां सड़क दुर्घटनाओं में मौतें भी हुई हैं। मानवाधिकार आयोग, हाईकोर्ट और सिटी मजिस्ट्रेट कोर्ट भी इस पर समय-समय पर दिशा निर्देश दे चुके हैं, लेकिन कोई खास सख्ती और तेजी विभागों और संबंधित कार्यदायी संस्थाओं द्वारा नहीं दिखाई गई है। अब उम्मीद है कि इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप आड़े नहीं आएगा।

प्रादेशिक

बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस का फंदे से लटकता मिला शव, वाट्सएप पर लगाया था ऐसा स्टेटस

Published

on

Loading

भागलपुर। बिहार के भागलपुर में भोजपुरी एक्ट्रेस अन्नपूर्णा उर्फ अमृता पांडेय की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई मरने से पहले अमृता पांडे ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर लिखा है कि दो नाव पर सवार है उसकी जिंदगी…हमने अपनी नाव डूबा कर उसकी राह को आसान कर दिया। अमृता के इस स्टेटस से कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने सुसाइड किया है। हालांकि पुलिस अभी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बच रही है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

परिवार वालों ने बताया कि करीब 3.30 बजे अमृता की बहन उसके कमरे में गई। वहां वह फंदे से लटकी हुई थी। आनन फानन में उसके फंदे से चाकू से काट​कर तत्काल परिवार वाले स्थानीय निजी अस्पताल ले गए, लेकिन वहां उसे मृत बता दिया गया। परिजनों ने बताया कि शुक्रवार की रात उन लोगों ने काफी मस्ती की थी। फिर अचानक से क्या हुआ। किसी को समझ नहीं आ रहा। परिजनों ने बताया कि अमृता की शादी 2022 में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर निवासी चंद्रमणि झांगड़ के साथ हुई थी। वे मुंबई में एनिमेशन इंजीनियर हैं। अब तक उन लोगों को बच्चे नहीं हैं।

अमृता ने मशहूर भोजपुरी एक्टर खेसारी लाल यादव समेत कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया है. साथ ही कई सीरियल, वेब सीरज और विज्ञापन में भी काम किया है। बहन के मुताबिक, अमृता कैरियर को लेकर काफी परेशान रहती थी। वह काफी डिप्रेशन में थी। इस वजह से वह इलाज भी करा रही थी। अमृता भोजपुरी फिल्मों के अलावा कुछ वेब सीरीज में काम में रही थी. हाल ही में अमृता की हॉरर वेब सीरीज प्रतिशोध का पहला भाग रीलिज हुआ है।

Continue Reading

Trending