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गूगल ने महिला दिवस पर डूडल पर उतारीं जीती जागती महिलाएं

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गूगल ने महिला दिवस पर डूडल पर उतारीं जीती जागती महिलाएं

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गूगल ने महिला दिवस पर डूडल पर उतारीं जीती जागती महिलाएं

नई दिल्ली| वैश्विक इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने होम पेज डूडल को एनीमेटिड किरदारों की बजाय असल महिलाओं की उपस्थिति से सजाया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस आठ मार्च को पूरी दुनिया में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को प्रेरित करना और उनकी उपलब्धियों का जश्न मनाना है।

गूगल ने अपने होम पेज पर एक छोटी सी वीडियो पोस्ट की, जिसमें कुछ महिलाएं व युवतियां अपनी महत्वकांक्षाओं को ‘मैं एक दिन ऐसा करूंगी’ कहकर बयां कर रही हैं।

इस डूडल की सह-निर्माता लियात बेन-राफेल ने ‘मिरर’ समाचारपत्र की वेबसाइट को बताया कि उनके लिए डूडल के वीडियो में एनीमेटिड किरदारों की बजाय असली चेहरों को लेना जरूरी था। आमतौर पर डूडल में एनीमेटिड किरदार दिखते हैं।

उन्होंने कहा, “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उन महिलाओं का जश्न या गुणगान है, जो भविष्य बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही हैं और इसलिए मेरे लिए इस बात का ख्याल रखना जरूरी था कि हम उस जश्न को असली महिलाओं के साथ मनाएं।”

गूगल उपयोगकर्ता डूडल की इस खास वीडियो को होम पेज पर प्ले बटन पर क्लिक कर देख सकते हैं।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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