Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

मारा गया तालिबान के आत्मघाती हमलों का गॉडफादर, आईएस खुरासान प्रांत ने की हत्याा

Published

on

Loading

काबुल। तालिबान के आत्‍मघाती हमलों के गॉडफादर कहे जाने वाले कुख्‍यात आतंकी रहीमुल्‍ला हक्‍कानी की आतंकवादी संगठन आईएसआईएस खुरासान प्रांत ने हत्‍या कर दी है। अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल के एक मदरसे में रहीमुल्‍ला हक्‍कानी की बम विस्‍फोट करके हत्‍या कर दी गई।

तालिबान ने भी स्‍वीकार किया है कि दुश्‍मन के कायराना हमले में रहीमुल्‍ला की मौत हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि रहीमुल्‍ला हक्‍कानी आईएसकेपी आतंकियों के खिलाफ तालिबान के लिए वैचारिक रक्षा कवच की तरह से था। उसकी मौत से अब अफगानिस्‍तान में दोनों ही आतंकी गुटों में एक नई जंग छिड़ सकती है।

रहीमुल्‍ला हक्‍कानी को तालिबानी गृहमंत्री शिराजुद्दीन हक्‍कानी का गुरु भी माना जाता था। तालिबान के हवाले से बताया जा रहा है कि हमलावर पहले ही अपने पैरों को बम विस्‍फोट में गंवा चुका था और वह नकली पैरों के सहारे चल रहा था। उसने विस्‍फोटक को इसी नकली पैर के अंदर छिपा रखा था।

तालिबान ने कहा है कि यह उनके लिए बहुत बड़ी क्षति है। रहीमुल्‍ला तालिबान के सबसे प्रबल समर्थकों में से एक था। उसने बहुत लंबा वक्‍त पाकिस्‍तान में बिताया था। वह तालिबान को आईएसआईएस के खिलाफ संघर्ष के लिए प्रेरित करता रहता था।

तालिबान बनाम आईएसकेपी की जंग और तेज

बताया जा रहा है कि इस हमले में हकीमुल्‍ला का मासूम बच्‍चा भी मारा गया है। हकीमुल्‍ला पर इससे पहले भी आईएस की ओर से कई हमले हुए थे जिसमें वह बाल-बाल बच गया था। इस हत्‍या के बाद अब अफगानिस्‍तान में तालिबान बनाम आईएसकेपी की जंग और तेज हो सकती है।

आईएसकेपी ने हाल के दिनों में अफगानिस्‍तान में मस्जिदों और अल्‍पसंख्‍यकों के खिलाफ कई हमले किए हैं। इसमें सिखों के गुरुद्वारे पर हमला शामिल है। अफगानिस्‍तान में आईएस आतंकी साल 2014 से ही सक्रिय हैं और अफगानिस्‍तान में तालिबानी सरकार के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गए हैं।

हकीमुल्‍ला को तालिबान के उदारवादी धड़े में गिना जाता था जो लड़कियों की शिक्षा का समर्थन करता था। उसने हिजाब को कड़ाई से लागू किए जाने का भी विरोध किया था। हकीमुल्‍ला की अहमियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसकी सुरक्षा खुद पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई करती थी। विशेषज्ञों के मुताबिक इस हत्‍याकांड से अब बड़ी संख्‍या में तालिबानी नेताओं को अपनी सुरक्षा बढ़ाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह लड़ाई अब तालिबान के लिए बहुत महंगी साबित होने जा रही है।

Continue Reading

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending