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Future Retail को लगा बड़ा झटका, सिर्फ 7 महीने में CEO ने दिया इस्तीफा

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कर्ज में डूबी फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सदाशिव नायक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति सात महीने पहले हुई थी। शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा गया है कि फ्यूचर ग्रुप के सीईओ किशोर बियानी को तीन साल के लिए पुन: कंपनी का कार्यकारी चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) ने नियामकीय सूचना में कहा, ‘‘सदाशिव नायक को 25 अगस्त, 2021 से प्रभावी होने वाले आदेश के तहत सीईओ नियुक्त किया गया था। उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है, जो 31 मार्च, 2022 से कारोबारी घंटों के बाद से प्रभावी है।’’

सूचना में कहा गया है कि फ्यूचर ग्रुप के संस्थापक और सीईओ किशोर बियानी को एफआरएल के कार्यकारी चेयरमैन के रूप में फिर से तीन साल के लिए नियुक्त किया गया है। फ्यूचर रिटेल ने कहा कि यह लागू प्रावधानों के अनुपालन और कंपनी के शेयरधारकों के अनुमोदन सहित अन्य नियामकीय अनुमोदनों के अधीन होगा। इस महीने की शुरुआत में एफआरएल के निदेशक राहुल गर्ग ने निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था।

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इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति ने वापस लिया नामांकन, बीजेपी में होंगे शामिल

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इंदौर। लोकसभा चुनाव से पहले ही इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। अक्षय कांति के इस फैसले फैसले से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया। इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे। इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे।

इंदौर कैलाश विजयवर्गीय का गढ़ माना जाता है। विजयवर्गीय इंदौर 1 से विधायक हैं। उन्होंने एक्स पर अक्षय कांति बम की तस्वीर के साथ लिखा, ”इंदौर से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम जी का माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी में स्वागत है।”

इसके बाद इंदौर सीट पर अब भाजपा के लिए मैदान लगभग साफ हो गया है, उसके सामने निर्दलीय और अन्य दलों के अलावा कोई प्रत्याशी नहीं बचा। नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था। हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी।

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