प्रादेशिक
बुंदेलखंड : खेत सूखे, हलक भी सूखा
लखनऊ/महोबा| उत्तर प्रदेश में जब भी चुनाव करीब आता है, बुंदेलखंड क्षेत्र के सातों जिलों में गर्मी के साथ ही सियासी तापमान भी बढ़ जाता है। सूखे की मार झेल रहे बुंदेलखंड में अब पेयजल जुटाना भी एक बड़े संकट के तौर पर उभरा है। सरकार हालांकि दावे तो बहुत कर रही है, लेकिन इन सबके बीच बुंदेलखंड की स्थिति काफी भयावह है। यहां के किसानों के खेत तो पहले ही सूखे पड़े थे, अब गर्मी बढ़ने के साथ ही उनका ‘हलक’ भी सूख रहा है। महोबा जिले के कटौंघ गांव के एक किसान श्रीराम दिनेश ने बताया कि किस तरह राज्य और केंद्र सरकार की तरफ से पैकेज की घोषणा तो की जाती है, लेकिन किसानों को इसका फायदा न के बराबर ही मिल रहा है। दिनेश ने बताया, “अधिकारी बहुत भ्रष्ट हो गए हैं, जिसका नतीजा हम किसानों को भुगतना पड़ रहा है। हमारे लिए बनाए हुए पैकेज का फायदा हम तक नहीं पहुंच रहा है। अधिकारी सिर्फ पैसा खाने की सोचते हैं। कोई यह नहीं सोचता कि सूखे से निपटने के लिए हमारे लिए गांव में कुएं बनाए जाएं। दिल्ली से राज्य में पैसा आता है, लेकिन निचले स्तर तक पहुंचते-पहुंचते वह पैसा न जाने कहां गायब हो जाता है।”
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी नाम जाहिर न करने की शर्त पर बातचीत के दौरान यह स्वीकार किया कि पैकेज के क्रियान्वयन की गति काफी धीमी है। उन्होंने कहा, “सरकार ने पैकेज तो दे दिया, लेकिन इसके क्रियान्वयन के रास्ते में जितनी अड़चनें आ रही हैं, उन पर सरकार का ध्यान नहीं जा रहा। सबसे बड़ी मुसीबत है भ्रष्टाचार।” अधिकारी ने कहा, “दूसरी ओर, पैकेज के लागू किए जाने की प्रक्रिया में कहीं भी आम लोगों की सहभागिता नहीं है। गांवों के प्रभुत्व वाले लोगों को ही पैकेज के लाभ मिल रहे हैं। सूखे की स्थिति से निपटने के लिए जमीनी स्तर पर जिस तरह की दूरदर्शी योजना होनी चाहिए, उसका कहीं न कहीं जरूर अभाव है।”
गैर-सरकारी संस्था ‘एक्शन ऐड’ के मुताबिक, बुंदेलखंड में 75 प्रतिशत परिवार कर्ज में डूबे हुए हैं और हर परिवार पर औसतन 45,000 रुपये का कर्ज बकाया है। अतर्रा तहसील की विमला यादव ने अपनी आपबीती बयान करते हुए कहा, “कर्ज से दुखी होकर मेरे पति ने जहर पी लिया था। इसके बाद मेरे देवर और सास ने मिलकर मुझे घर से निकाल दिया। मुझे मायके लौटना पड़ा। मेरी तीन बेटियां हैं। मुझे इनके भविष्य की चिंता खाए जा रही है।” मुआवजा मिला? पूछने पर उसने कहा, “अब मुझे मुआवजे की भी आस नहीं है। मैं और मेरे पिताजी जब अधिकारियों के पास मुआवजा मांगने जाते हैं, तो हमें लताड़ दिया जाता है।” किसानों का कहना है कि उन्हें केवल बुंदेलखंड पैकेज ही नहीं, बल्कि दूसरी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं में भी धड़ल्ले से हो रही धांधली की मार झेलनी पड़ रही है।
जहां एक ओर विमला यादव जैसी महिलाएं मुआवजे की लड़ाई लड़ रही हैं, वहीं कई किसान मनरेगा में हो रही धांधली को बार-बार अधिकारियों के सामने उठाने की कोशिश करते हैं। लेकिन उनका प्रयास हमेशा ही बेकार चला जाता है। बुंदेलखंड में पेयजल आपूर्ति की गंभीरता को देखते हुए हालांकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर पेयजल समस्या के तात्कालिक समाधान के लिए इंडिया मार्का-2 हैंडपंपों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया गया। लेकिन यह काफी पहले हो जाना चाहिए था। शासन ने पहले 2,560 हैंडपंप मंजूर किए थे। अब 3,226 नए हैंडपंप लगेंगे। इस पर खर्च होने वाली रकम 18.42 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 21़.57 करोड़ रुपये कर दी गई है। लेकिन सरकार ने जो दिया, उसे सही तरीके से अमल में लाना बड़ी चुनौती साबित हो रही है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया, “मुख्यमंत्री बुंदेलखंड के सातों जिलों में पेयजल समस्या के समाधान के प्रति अत्यंत गंभीर हैं। इसीलिए मुख्यमंत्री ने हैंडपंपों की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया है।”सरकार की इस पहल पर भी विरोधी सवाल खड़ा करते हैं। भाजपा किसान मोचरे के प्रदेश मंत्री व किसान नेता शारदानंद सिंह ने बातचीत में कहा, “महोबा में पेयजल आपूर्ति और मनरेगा की स्थिति काफी खराब है। महिलाओं को पानी के लिए भरी दोपहर में 10 से 15 किलोमीटर जाना पड़ता है।” उन्होंने कहा कि सूखा राहत का हाल यह है कि किसानों को अभी पिछला मुआवजा ही मिला है। मुख्यमंत्री की तरफ से जो राहत पैकेट बांटा जा रहा है, वह भी नाकाफी साबित हो रहा है।”
प्रादेशिक
अहमदाबाद एयरपोर्ट से श्रीलंकाई मूल के चार ISIS आतंकी गिरफ्तार
अहमदाबाद। गुजरात एटीएस ने आज अहमदाबाद एयरपोर्ट से चार आईएसआईएस आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक इन चारों लोगों को केंद्रीय एजेंसी के इनपुट के बाद उठाया गया है। एटीएस यह पता लगाने में जुट गई है कि इसका गुजरात या किसी अन्य राज्य में कोई कनेक्शन तो नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर काफी समय से सोने की तस्करी और अन्य चीजों की निगरानी एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जा रही थी। उसी दौरान एक केंद्रीय एजेंसी ने गुजरात एटीएस के साथ कुछ इनपुट साझा किए थे। बाद में जब गुजरात एटीएस की टीम अहमदाबाद एयरपोर्ट पर विशेष निगरानी में थी तो एक संदिग्ध उनके रडार पर आ गया और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक जिन चारों लोगों को हिरासत में लिया गया है। वे आतंकी संगठन आईएसआईएस के आतंकी हैं और लंबे समय से उस संगठन के साथ सक्रिय थे।
-
योग एवं आयुर्वेद3 days ago
ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी
-
नेशनल3 days ago
आंख की सर्जरी के बाद ब्रिटेन से वापस भारत लौटे राघव चड्ढा, केजरीवाल से मिलने पहुंचे घर
-
नेशनल3 days ago
इलेक्शन कैम्पेन के दौरान युवक ने जड़ा कह्नैया कुमार को थप्पड़, वीडियो जारी कर कहा- उसका इलाज कर दिया
-
नेशनल2 days ago
पीएम चला रहे ऑपरेशन झाड़ू, AAP को खत्म करने के लिए बीजेपी ने बनाए 3 प्लान: केजरीवाल
-
प्रादेशिक3 days ago
कुछ दिन पहले पार्टनर की हुई थी सड़क हादसे में मौत, गम में इस एक्टर ने कर लिया सुसाइड
-
नेशनल2 days ago
जमशेदपुर में बोले पीएम मोदी- पूरा हिंदुस्तान कह रहा है, फिर एक बार, मोदी सरकार
-
नेशनल3 days ago
दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में केजरीवाल के पीए विभव कुमार, स्वाति मालीवाल से मारपीट का है आरोप
-
नेशनल3 days ago
KTM बाइक से की 100 से ज्यादा चेन स्नेचिंग, मुठभेड़ के बाद बदमाश गिरफ्तार