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कभी देखी है महिला हैंडपंप मैकेनिक, मिलिए शिवकलिया देवी से

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बुंदेलखंड पथरीला इलाका है, एकदम सूखा, जहां पानी कई-कई सौ हाथ नीचे है। सूखी बंजर जमीन पर नाम मात्र की खेती-किसानी और रोजगार के किसी दूसरे अवसर के अभाव में अपनी पूरी उमर जैसे-तैसे काट लेना ही यहां किसी महासंग्राम जैसा है। जीवन के कठोर हालात पुरुष प्रधान समाज को और अधिक पुरुष वर्चस्व वाला बना देते हैं। ऐसे में अगर कोई औरत किसी गांव में हैंडपंप मैकेनिक का काम करने की ठान ले तो उसे किन स्तरों पर विरोध का सामना करना पड़ेगा इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। यह संघर्ष तब और मुश्किल हो जाता है जब वह महिला दलित समाज से हो जिसके छूने भर से नल, कुंए और तालाब अशुद्ध मान लिए जाते हैं। लेकिन चित्रकूट जिले की शिवकलिया देवी ने हैंडपंप मैकेनिक बनकर दम लिया।

शिवकलिया देवी चित्रकूट जिले के रायपुरा गांव की रहने वाली हैं, यह मानिकपुर ब्लॉक में पड़ता है। रायपुरा चित्रकूट से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर बसा है। शिवकलिया की शादी 12 बरस की उम्र में हो गई थी। उनके दो बच्चे हैं, पति मजदूर थे, थोड़ा-बहुत आमदनी हो जाती थी पर इतनी नहीं कि ढंग से जीवन चल सके। यही वजह थी कि शिवकलिया ने खुद चार पैसे कमाने की सोची।

आज शिवकलिया को लगभग 20 साल हो गए हैं हैंडपंप मैकेनिक के तौर पर काम करते

लेकिन उन्होंने हैंडपंप मरम्मत का ही काम क्यों चुना? बाजार की नजर से देखा जाए तो पानी की एक-एक बूंद को तरसते बुंदेलखंड में हैंडपंप जीवन का अहम आधार हैं। अगर हैंडपंप बिगड़ जाए तो जीवन तहसनहस हुआ समझो। ऐसे में हैंडपंप सुधारने वाले की पौबारह होती होगी। गर्मियों में जब हैंडपंप सूखने लगते हैं तब तो हैंडपंप मैकेनिक की दूर-दूर गांवों से डिमांड आती है, मुंहमांगा मेहनताना मिलता है। पर शायद शिवकलिया की वजह कुछ और रही होगी। महिला होने के नाते घर में भोजन-पानी का बंदोबस्त करना उन्हीं के जिम्मे रहा होगा। कभी जब हैंडपंप खराब हुआ होगा और खाली पानी का बर्तन लिए घर लौटी होंगी तो कसम खाई होगी कि हैंडपंप सुधारना सीख कर ही मानूंगी।

खैर, वजह जो भी हो शिवकलिया देवी का सभी ने विरोध किया। खुद उनके पति ने भी। उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा, फिर लोगों ने उनका मजाक उड़ाया। हैंडपंप के भारी पाइप उठाने, रिंच और पाने से उसके नटबोल्ट खोलने में शिवकलिया देवी के कसबल ढीले हो गए पर इरादा और मजबूत हुआ। इसी बीच एक एनजीओ के जरिए उन्होंने नल रिपेरियरिंग का काम सीखा। अनुभव था नहीं इसलिए एक बुजुर्ग मैकेनिक की असिस्टेंट बनीं जब ठीक-ठाक काम सीख गईं तो अपनी ही दुकान खोल ली। काम करते तीन साल हुए थे कि पति का देहांत हो गया। शिवकलिया कहती हैं, अगर यह काम न सीखा होता तो भीख मांगनी पड़ती।

आज शिवकलिया को लगभग 20 साल हो गए हैं हैंडपंप मैकेनिक के तौर पर काम करते। दूर-दूर उनकी काबिलियत और ईमानदारी के चर्चे हैं। वह एक दिन में 300 से 700 रुपए तक कमा लेती हैं। गर्मियों में जब हैंडपंप सूखने लगते हैं तो उनकी डिमांड बढ़ जाती है। शिवकलिया की उम्र भी अब 50 के पार है, सोच रही हैं कि मदद के लिए एक असिस्टेंट रख लें।

सही मायने में यही है महिला सशक्तिकरण, क्योंकि इसके शिवकलिया को किसी सरकारी योजना का मुंह नहीं ताकना पड़ा, किसी अफसर को रिश्वत नहीं खिलानी पड़ी। सही है, जिसे जिंदगी सिखाए फिर उसे कौन हराए।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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