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300 करोड़ के मालिक सट्टेबाज को हाथरस पुलिस ने किया गिरफ्तार

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मुकुल गौतम
हाथरस. लोगों की मेहनत की कमाई को एक का सौ करने का लालच देने के नाम पर एक रिक्शे चलाने वाले ने इस तरह से प्रयोग किया कि लोग तो रातों रात लखपति नहीं हुए बल्कि रिक्शा चलाने वाला तीन सौ करोड़ का अरबपति   बन गया । सट्टे का काला कारोबार करने वाले हाथरस के चतुर्भुज गुप्ता ने 15 साल में 300 करोड़ की संपत्ति.बना डाली। मुक़दमे तो दर्ज हुए लेकिन किसी भी पुलिस अधिकारी ने उसकी गिरफ़्तारी में कामयाबी नहीं SP Hathras Ajay Pal Sharmaपाई। एस पी हाथरस अजय पाल शर्मा ने अपनी तैनाती के चंद दिनों के बाद ही इस शातिर अपराधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया और आज सट्टा किंग चतुर्भुज गुप्ता उर्फ़ चतरा गिरफ्तार कर लिया गया।
सट्टे की दुनिया में उतरे चतरा ने बड़े बड़े माफियाओं को किनारा कर अपना आधिपत्य जमा लिया । कभी हाथरस की गलियों में रिक्शा चलाकर अपना जीवन यापन करने वाले चतुर्भुज ने आ13009660_778427778954606_493233494_oज से करीब 20 साल पहले जब सट्टे की दुनिया में कदम रखा तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा । एस पी अजय पाल शर्मा ने बताया कि चतुर्भुज गुप्ता थाना हाथरस गेट का रहने वाला है करीबन 20 साल से ये सट्टे बाजी कर रहा था ।
जरायम की दुनिया में उतरे चतुर्भुज गुप्ता ने सट्टे के अलावा हत्या , लूट , फरेब , छेड़खानी , जैशी वारदातों को भी अंजाम दिया । इस दौरान इस पर 30 से ज्यादा मुक्कड़मे लिखे गए । लेकिन जब भी पुलिस ने इनको पकड़ने का प्रयास किया तो या तो इसने पैसे के बल पर खुद को कार्रवाई से बचा लिया। इसकी हनक राजनितिक गलियारों में भी है । पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद भी चतुर्भुज गुप्ता ठसक कम नहीं हुई । मीडिया ने बातचीत में वह बेधड़क अपने कारनामों को बताने लगा और कहने लगा की उसे इस काम के लिये मजबूर सत्ता दल के नेता ही कर रहे है । हालाँकि उसने किसी नेता का नाम नहीं लिया।
रिक्शा चलाने के बाद चतुर्भुज ने यहाँ के सिनेमा हाल में ब्लैक में टिकट बेचने का भी काम किया । इसी दौरान 1996 में इसके एक रिश्तेदार ने इसे सलाह दी की वह सट्टे का काम करे । चतुर्भुज इतना शातिर था की पुलिस जब इस पर शिकंजा कसती तो यह किशी भी हद तक जा कर उल्टा पुलिस को ही फंसाने की तयारी कर लेता था।

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पुणे हिट एंड रन केस: कोर्ट ने आरोपी के पिता को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा

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पुणे। पुणे हिट एंड रन केस में पुलिस ने नाबालिग आरोपी के पिता विशाल अग्रवाल को 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। इससे पहले मामले में कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में पुलिस ने नाबालिग आरोपी को जमानत मिलने के बाद फिर से अरेस्ट कर लिया। इतना ही नहीं पुलिस ने मामले में नई धारा भी जोड़ी है। इसके साथ ही कोर्ट ने बार के मालिक जितेश शेवनी और जयेश बोनकर को भी 5 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा है।

बता दें कि महाराष्ट्र के पुणे में एक नाबालिग लड़के ने अपनी करोड़ों की पोर्शे कार से दो लोगों को कुचलकर मार डाला। चश्मदीदों का कहना है कि कार की स्पीड करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा था। इस हादसे में मारे गए लोगों की पहचान अनीस दुधिया और अश्विनी कोस्टा के तौर पर हुई थी। दोनों राजस्थान के हैं। बाद में पुलिस ने इस मामले में कार चला रहे 17 वर्षीय आरोपी को हिरासत में लेकर जुवेनाइल कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई।

पुलिस ने उस पर बालिग लोगों की तरह मुकदमा चलाने और उसे पुलिस हिरासत में भेजने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए आरोपी को जमानत दे दी थे। आरोपी को कोर्ट ने 15 दिनों के लिए येरवडा की ट्रैफिक पुलिस के साथ काम करने’ और ‘हादसे पर एक निबंध लिखने’ के लिए कहा। वकील प्रशांत पाटिल ने कहा कि जमानत की शर्तों में आरोपी को एक ऐसे डॉक्टर से इलाज कराने का निर्देश दिया गया है जो उसे शराब छोड़ने में मदद कर सके। इसके अलावा उसे ‘साइकेट्रिस्ट से सलाह’ लेकर उसकी रिपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया गया है।

चश्मदीदों का कहना है कि कार की स्पीड करीब 200 किलोमीटर प्रति घंटा था.पुलिस का दावा है कि बार में शराब पीने के बाद नशे में धुत होकर 17 साल का आरोपी पोर्शे कार को चला रहा था। उसने रविवार तड़के शहर के कल्याणी नगर इलाके में मोटरसाइकिल पर सवार दो लोगों को टक्कर मार दी थी, जिसके चलते उनकी मौत हो गई।

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