आध्यात्म
संत रविदास जयंती पर सीएम योगी ने दी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं, कही ये बात
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कृष्णा नगर में रविदास जयंती के अवसर पर उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी।
सीएम योगी ने कहा, ‘संत रविदास जी की पावन जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह में उपस्थित सभी लोगों को मैं हृदय से बधाई देता हूं और आप सब के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करता हूं। श्रद्धेय अटल जी ने कहा था – आदमी न छोटा होता है, न बड़ा होता है। आदमी न ऊंचा होता है, न नीचा होता है। आदमी तो सिर्फ आदमी होता है। संत रविदास जी का जीवन चरित्र प्रेरणा प्रदान करता है कि व्यक्ति अपने कर्मों के माध्यम से कैसे महानता हासिल करता है।
पूरे जीवन संत रविदास जी ने समाज के तमाम प्रकार के रूढ़िवादों और पाखंडों का सामना करते हुए सनातन हिंदू धर्म को मजबूती देने का काम किया, जो आज हम सबकी सुरक्षा और पहचान है। हम सब 645 वर्ष के बाद भी इस महान संत की पावन जयंती को भव्यता के साथ मना रहे हैं।’
आध्यात्म
आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी
नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है
रामनवमी का इतिहास-
महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।
नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।
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