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अन्तर्राष्ट्रीय

नेपाल के पुनर्निर्माण में मदद करेगा कनाडा

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नेपाल के पुनर्निर्माण में मदद करेगा कनाडा

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नेपाल के पुनर्निर्माण में मदद करेगा कनाडा

काठमांडू| कनाडाई अंतर्रष्ट्रीय विकास अनुसंधान केंद्र ने नेपाल के पुनर्निर्माण में मदद करने की घोषणा की है। पिछले साल अप्रैल में नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था जिससे यहां भारी क्षति हुई थी। इस आशय के मंगलवार को जारी एक बयान में यह बात कही गई। कनाडाई अंतर्राष्ट्रीय विकास अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष जीन लेबेल और नेपाल में कनाडा के राजदूत नादिर पटेल ने नेपाल में 12 लाख डॉलर निवेश करने की घोषणा की जो घरों और सार्वजनिक भवनों, आधारभूत संरचनाओं के पुनर्निर्माण और साथ ही भावी प्राकृतिक आपदाओं की गंभीरता को कम करने तथा बेहतर आपदा प्रबंधन पर खर्च किए जाएंगे।

उल्लेखनीय है कि स्थानीय सहभागी अंतर्राष्ट्रीय समग्र पर्वतीय विकास केंद्र (आईसीआईएमओडी) के साथ मिलकर आईडीआरसी धुंगेन्तर वार्ड में पुनर्वास एवं पुनर्निर्माण कार्यो में सहयोग करेगा। गौरतलब है कि आडीआरसी नेपाल में जलवायु और जल से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए 20 साल से काम कर रहा है।

आईआरडीसी ने अपने बयान में कहा कि इस पहल से समुदायों और संस्थानों की आपदा प्रबंधन एवं जलवायु परिवर्तन अनुकूलन क्षमता में वृद्धि होगी और साथ ही पर्यावरण अनुकूल, जलवायु और भूकंप की दृष्टि से लोचदार घर बनाने में मदद मिलेगी।

उधर, कनाडा सरकार ने नेपाल की समस्या के मद्देनजर 2 करोड़ 30 लाख डॉलर की मानवीय सहायता दी है। यह राशि अनुभवी मानवीय सहभागियों जिनमें संयुकत राष्ट्र मानवीय एजेंसियां, कनाडाई स्वयं सेवी संगठनों अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस फेडरेशन और रेड क्रेसेन्ट सोसायटीज शामिल हैं, को भेज दी गई हैं।

नेपाल में कनाडाई राजदूत ने कहा, “कनाडा त्रासदी से प्रभावित कमजोर नेपाली लोगों की मदद के लिए नेपाल के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। आईडीआरसी के सहयोग से नेपाल में चल रही आईसीआईएमओडी की परियोजनाओं से भूकंप प्रभवितों के दीर्घकालीन पुनर्वास में मदद मिलेगी।”

आईसीआईएमओडी के महानिदेशक डेविड मोल्डेन ने कहा कि हिमालय का पूरे हिन्दूकुश क्षेत्र में भूकंप का बड़ा खतरा है इसलिए इस क्षेत्र के अन्य देशों के साथ भी यहां का अनुभव बांटा जाना चाहिए।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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