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अन्तर्राष्ट्रीय

पोप फ्रांसिस ने बेघरों के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोले

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पोप फ्रांसिस, बेघरों के लिए स्वास्थ्य केंद्र, वैटिकन सिटी में सेंट पीटर स्क्वायर

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रोम| पोप फ्रांसिस ने वैटिकन सिटी में सेंट पीटर स्क्वायर के आसपास बेघरों के लिए स्वास्थ्य केंद्र खोले हैं। पोप के चिकित्सा समाज सेवी कोनरड क्रजेवस्की ने कहा, “हम अपने पास आने वाले सभी लोगों की सहायता के लिए तैयार हैं। यह पोप फ्रांसिस की इच्छा है।” समाचार पत्र ओसर्वेटोरियो रोमानो के मुताबिक, इन चलते-फिरते स्वास्थ्य केंद्रों में वैटिकन, रोम यूनिवर्सिटी और अन्य इतालवी धार्मिक स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सक होंगे। समाचार पत्र के मुताबिक, चिकित्सक बेघरों की स्वास्थ्य जांच करेंगे, उनका उपचार करेंगे और जरूरत पड़ी तो इलाज के लिए उन्हें अस्पताल भेजेंगे। पोप के आदेश पर वैटिकन पहले ही बेघरों को मुफ्त नहाने और नाई की सुविधा दे रहा है। पिछले साल बेघरों के लिए एक नया आश्रय स्थल भी खोला गया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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