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जुर्म

‘ब्राह्मण तेरी कबर खुदेगी’, BHU में फिर गरमाया माहौल, दीवारों पर लिखे गए हिन्दू विरोधी नारे

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पंडित मदन मोहन मालवीय की बगिया कहे जाने वाली काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कैंपस के दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे जाने से माहौल गरमा गया है। BHU कैंपस की दीवारों पर ब्राह्मण विरोधी नारे लिखे गए हैं। लिखा गया है कि ‘ब्राह्मण तेरी कब्र खुदेगी BHU की धरती पर’। BCM ने ठाना है BHU को ब्राह्मण मुक्त बनाना है। कश्मीर तो झांकी है, अभी पूरा भारत बाकी है।RSS खबरदार।

BHU की दीवारों पर ब्राह्मणों के खिलाफ लाइनें लिखी गई हैं। नीचे लिखने वालों की जगह BCM लिखा हुआ है। हालांकि, BCM सभी आरोपों से इनकार कर रहा है।

इन नारों के नीचे लिखा है BCM यानी कि भगत सिंह मोर्चा छात्र संगठन। हालांकि, BCM छात्र संगठन ने इन नारों से किनारा किया है और कहा कि इस मामले की शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस से की है। पुलिस ने इन नारों को मिटवाना शुरू कर दिया है।

वहीं BCM का एक डिजिटल पोस्टर वायरल हो रहा है, जिस पर लिखा है कि 28 अप्रैल को शाम पांच बजे लंका गेट पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। पोस्टर में लिखा है कि आंबेडकर जयंती मनाने और ब्राह्मणवाद के खिलाफ नारे लगाने के कारण बीसीएम के सदस्यों के साथ की जा रही मारपीट, अपहरण और धमकी के खिलाफ प्रतिरोध सभा बुलाई जा रही है। बीएचयू और जिला प्रशासन अपराधी छात्रों को संरक्षण देना बंद करो। अभी तक अपराधी छात्रों पर मुकदमा दर्ज और गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई। पुलिस प्रशासन जवाब दो।

दीवार पर नारे लिखे जाने से BHU कैंपस के छात्रों में आक्रोश देखने को मिल रहा है।

बीसीएम के सदस्यों का कहना है कि इस तरह के नारे लिखने का आरोप बेहद गलत है। बीसीएम से खौफ खाने वाले ब्राह्मणवादी गुंडे और दक्षिणपंथी तत्व हमें बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। हम BHU के छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों और शिक्षकों से यह कहना चाहते हैं कि इस तरह के नारों से बीसीएम का कोई लेना देना नहीं है।

उन्होंने लिखा कि ये नारे वही लोग लिख रहे हैं जो आंबेडकर जयंती मनाने और ब्राह्मणवाद के खिलाफ बोलने की वजह से पिछले कुछ दिनों से बीसीएम के कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर रहे हैं। इन छात्रों के खिलाफ लंका थाने में तरीर दी जा चुकी है। इससे वे घबराकर इस तरह की तुच्छ हरकत कर बीसीएम को बदनाम करना चाहते है। विश्वविद्यालय प्रशासन से हम यह मांग करते हैं कि इस मामले की जांच कर दोषियों पर तत्काल कार्यवाही करें।

दीवारों पर लिखे नारों को मिटाते पुलिसकर्मी।

वही बीएचयू के छात्रों की मांग है कि इस तरह का कार्य जिन संगठनों ने किया है उन संगठनों के खिलाफ आतंकवादी संगठन घोषित करते हुए उन संगठनों के सभी सदस्यों को जेल भेजना चाहिए ।

उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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