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संघ ने बोया खेत, फसल काटती बीजेपी

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राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी, असम में विस चुनाव, पांच राज्‍यों में विस चुनाव, असम में दो तिहाई बहुमत, पश्चिम बंगाल में चार सीट, केरल में बीजेपी का खाता खुला

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राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ, भारतीय जनता पार्टी, असम में विस चुनाव, पांच राज्‍यों में विस चुनाव, असम में दो तिहाई बहुमत, पश्चिम बंगाल में चार सीट, केरल में बीजेपी का खाता खुला

आज यह बात एक बार फिर सिद्ध हो गई कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के बिना भाजपा कुछ भी नहीं है। पांच राज्‍यों में विस चुनावों के नतीजों से यह निर्विवाद रूप से कहा जा सकता है कि आरएसएस की कुर्बानियों का ही नतीजा बीजेपी को सत्‍ता के रूप में मिलता है। असम में दो तिहाई बहुमत, पश्चिम बंगाल में सात सीट और सबसे बड़ी बात केरल में बीजेपी का खाता खुलना।

उक्‍त तीनों ही राज्‍यों में आरएसएस के स्‍वयंसेवकों, प्रचारकों व कैडर ने अपने जीवन की आहुतियां दी हैं। खासतौर पर यदि केरल की बात करें तो पिछले दस सालों में इस घोर वामपंथी रूझान वाले राज्‍य में आरएसएस ने सैकड़ों की संख्‍या में अपने स्‍वयंसेवक खोए हैं। असम में बांग्‍लादेशी घुसपैठ को लेकर पिछले बीस सालों से संघ का पूरा कैडर और विश्‍व हिंदू परिषद की टीम वहां काम कर रही थी। अब जाहिर है कि संघ तो चुनावों में प्रत्‍यक्ष रूप से सामने आता नहीं है तो समान विचारधारा होने के नाते भाजपा को उसके किए गए सामाजिक कार्यों का लाभ मिलता है। यही असम में हुआ।

असम की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को यदि देखें तो वहां के जनजातीय इलाकों में नागरिक सुविधाओं का घोर अभाव है। संघ के पूर्णकालिक स्‍वयंसेवकों ने वहां के लोगों के बीच जमीनी स्‍तर पर काम करके अपनी घुसपैठ उनके बीच बनाई है। आज असम में संघ का एक बड़ा कैडर काम कर रहा है। असमवासी संघ के लोगों को स्‍वीकार करने लगे है और इसी का फायदा चुनावी रूप से भाजपा को मिला है।

हालांकि भाजपा को अब सत्‍ता के जरिए आरएसएस के अधूरे कार्यों को पूरा करना होगा क्‍योंकि किसी सामाजिक संगठन की जनता के बीच कार्य करने की एक सीमितता होती है उसे बृहद रूप सत्‍ता-शासन के लोग ही दे सकते हैं। सुखद यह है कि राज्‍य और केंद्र में एक ही विचारधारा की सरकार होने का असम के लोगों को खास फायदा मिलेगा। भाजपा को इस बात का ध्‍यान रखना होगा कि अपने चुनावी वायदों पर खरा उतरा जाय ताकि यह सत्‍ता लंबे समय त‍क उनके पास बनी रहे क्‍योंकि पांच सालों में सब कुछ कर लेना किसी भी सरकार के लिए संभव नहीं होता।

इन नतीजों ने सबसे बड़ा सवाल कांग्रेस के सामने खड़ा किया है। लगभग एक सौ तीस साल पुरानी पार्टी के पास आज एक भी बड़ा राज्‍य नहीं है। देश के सिर्फ छह प्रतिशत लोगों पर उनका शासन है। कांगेस को यह मंथन करना होगा कि क्‍या एक ही परिवार की गणेश परिक्रमा करने से उनको नुकसान हो रहा है? बंगाल में वामपंथियों के साथ किए गए सिद्धांतहीन गठबंधन को भी जनता ने नकार दिया है क्‍योंकि जनता यह भी देख रही थी कि यहीं कांग्रेस केरल में वामपंथियों के खिलाफ लड़ रही थी। कुल मिलाकर इन नतीजों ने जहां भाजपा के कांग्रेस मुक्‍त भारत के नारे को मजबूती प्रदान की है वहीं कांग्रेस को विचारमंथन के लिए वजह भी दी है।

नेशनल

जेपी नड्डा का ममता पर हमला, कहा- संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा

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नई दिल्‍ली। भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी पर तगड़ा हमला बोला है। उन्‍होंने कहा कि ममता दीदी ने बंगाल को क्‍या बना दिया है। जेपी नड्डा ने कहा कि संदेशखाली, ममता बनर्जी की निर्ममता और बर्बरता का संदेश चीख-चीख कर दे रहा है। ममता दीदी ने बंगाल को क्या बना दिया है? जहां रवींद्र संगीत गूंजना चाहिए था, वहां बम-पिस्तौल मिल रहे हैं।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। इसी से समझ सकते हैं कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार ने किस तरह अराजकता फैला रखी है। मैं बंगाल के सभी भाजपा कार्यकर्ताओं और जनता से अपील करता हूं कि आप सभी संदेशखाली पर ममता बनर्जी से जवाब मांगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने संदेशखाली की पीड़िता को पार्टी का टिकट देकर भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूती दी है। इसके साथ ही पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को जवाब दिया है कि ये महिलाएं अकेली नहीं है उनके साथ पूरा समाज, पूरा देश खड़ा है। संदेशखाली में महिलाओं की इज्जत-आबरू और उनकी जमीनें बचाने के लिए वहां गई जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर भी घातक हमला किया गया।

जेपी नड्डा ने आगे कहा, “मैं आज समाचार पढ़ रहा था कि संदेशखाली में तलाशी के दौरान सीबीआई ने तीन विदेशी रिवॉल्वर, पुलिस द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक रिवॉल्वर, बंदूकें, कई गोलियां और कारतूस बरामद किए हैं।” इसी से समझा जा सकता है कि ममता सरकार ने राज्य में किस तरह अराजकता फैला रखी है। उन्होंने पूछा कि क्या ममता बनर्जी जनता को डराकर, उनकी जान लेकर चुनाव जीतेंगी। क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस, रवीन्द्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद और महर्षि अरबिंदो जैसे मनीषियों ने ऐसे बंगाल की कल्पना की थी।

संदेशखाली में जनता की रक्षा के लिए एनएसजी कमांडो को भी उतरना पड़ा। ममता दीदी, यदि आपको ऐसा लगता है कि आप ऐसा करके चुनाव जीत जाएंगी तो ये आपकी भूल है। जनता आपको इसका करारा जवाब देगी। उन्होंने कहा कि हमने देखा कि ममता सरकार में तृणमूल कांग्रेस के शाहजहां शेख जैसे असामाजिक तत्व संदेशखाली में महिलाओं के अस्तित्व पर खतरा बने हुए हैं। महिलाओं के साथ जिस तरह का सलूक हो रहा है वह सच में बहुत ही संवेदनशील और कष्टदायी है।

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