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बीजेपी ने जारी की नई लिस्ट, जया प्रदा को रामपुर से दिया टिकट, मेनका-वरुण की बदली सीट

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नई दिल्‍ली। लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने अपनी एक और लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में कानपुर से मुरली मनोहर जोशी का टिकट काटकर सत्यदेव पचौरी को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं मेनका गांधी और वरूण गांधी की सीट आपस में बदली गई है। मंगलवार को बीजेपी में शामिल हुईं जयाप्रदा को बीजेपी ने रामपुर से ट‍िकट दिया है।

बीजेपी ने इस सूची में 39 उम्‍मीदवारों के नाम का ऐलान कि‍या है। इसमें 29 नाम यूपी से हैं। वहीं 10 उम्‍मीदवार पश्चि‍म बंगाल से हैं। इस सूची में नाम तो कम कटे हैं, लेकिन उम्‍मीदवारों को इधर से उधर भेजा गया है। रामशंकर कठे‍र‍िया का टिकट आगरा से कट गया, लेकिन बीजेपी ने उन्‍हें इटावा से अपना उम्‍मीदवार बना दिया।

जानिए किसे कहां से मिला टिकट

रामपुर- जयाप्रदा
पीलीभीत- वरुण गांधी
धौरहरा- रेखा वर्मा
सुल्तानपुर- मेनका गांधी
फर्रुखाबाद- मुकेश राजपूत
इटावा- रमाशंकर कठेरिया
कन्नौज- सुब्रत पाठक
कानपुर- सत्यदेव पचौरी
अकबरपुर- देवेंद्र सिंह भोला
जालौन- भानुप्रताप वर्मा
हमीरपुर- पुष्पेंद्र सिंह चंदेल
फेतहपुर- साध्वी निरंजन ज्योति
कौशाम्बी- विनोद सोनकर
इलाहाबाद- रीता बहुगुणा
बाराबंकी- उपेंद्र रावत
फैजाबाद- लल्लू सिंह
बहराइच- अक्षयवार लाल गौड
कैसरगंज- ब्रजभूषण शरण सिंह
श्रावस्ती- दद्दन मिश्रा
गोंडा – कीर्तिवर्धन सिंह
डुमरियागंज- जगदंबिका पाल
बस्ती- हरीश द्विवेदी
महाराजगंज- पंकज चौधरी
कुशीनगर- विजय दुबे
बांसगाव- कमलेश पासवान
बलिया- वीरेंद्र सिंह मस्त
गाजीपुर- मनोज सिन्हा
चंदौली- महेंद्र नाथ पांडेय

नेशनल

कैंसर से जूझ रहे सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान का निधन, लखनऊ के अस्पताल में ली अंतिम सांस

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लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार को निधन हो गया। वो लखनऊ के मेयो अस्पताल में भर्ती थे जहां उनका काफी समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। उनकी हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही थी। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

बता दें कि अतुल अंजान ने अपना राजनीतिक सफर 1977 में शुरू किया था। वह सबसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे।

वह टीवी डिबेट में और कई दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे। अपनी राजनीति का लोहा इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मनवा लिया था। छात्र राजनीति में इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे। अतुल कुमार लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. यूनिवर्सिटी के समय से ही वह लेफ्ट की विचारधारा पर चलते थे।

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