Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

श्रीलंका में पोर्ट सिटी परियोजना को तत्काल शुरू करने की मंजूरी

Published

on

श्रीलंका में पोर्ट सिटी परियोजना को तत्काल शुरू करने की मंजूरी

Loading

श्रीलंका में पोर्ट सिटी परियोजना को तत्काल शुरू करने की मंजूरी

कोलंबो। श्रीलंका ने राजधानी कोलंबो में अरबों डॉलर की पोर्ट सिटी परियोजना पर तत्काल दोबारा काम शुरू करने को मंजूरी दे दी और सरकार ने सोमवार को आधिकारिक रूप से चीनी निवेशकों को इसकी जानकारी दी। गौरतलब है कि एक साल पहले इस परियोजना को रद्द कर दिया गया था। श्रीलंका के बंदरगाह एवं जहाजरानी मंत्रालय ने कंपनी सीएचईसी पोर्ट सिटी कोलंबो (प्राइवेट) लिमिटेड को लिखे गए एक आधिकारिक पत्र में कहा कि कंपनी तत्काल परियोजना पर काम दोबारा शुरू कर सकती है।

पत्र के मुताबिक, “नौ मार्च 2016 को हुई बैठक में कैबिनेट मंत्रियों ने इस परियोजना को जल्द से जल्द दोबारा शुरू करने की अनुमति दे दी।” गौरतलब है कि 1.4 अरब डॉलर की लागत से बनने वाली दक्षिण एशिया में यह अपनी तरह की पहली परियोजना होगी। इसे पिछली सरकार के तहत सितंबर 2014 में शुरू किया गया था।

राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना की नई सरकार ने पिछले साल मार्च में इस परियोजना को रद्द कर दिया था। नई सरकार का कहना था कि इस परियोजना की समीक्षा करने की जरूरत है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

Published

on

Loading

नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

Continue Reading

Trending