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नेशनल

धोनी ने बिल्डर से 150 करोड़ रुपए वसूलने के लिए खटखटाया कोर्ट का दरवाजा

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कुछ वर्ष पहले तक भारतीय क्रिकेटर महेन्द्र सिंह धोनी आम्रपाली ग्रुप से जुडे हुए थे, धोनी करीब 6-7 वर्ष तक इस ग्रुप के एम्बेसडर रहे। वर्ष 2016 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, धोनी जब आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बेसडर थे तो कई सालों तक उनका पैसा नहीं दिया गया। इसी पैसे को लेकर रहिति स्पोर्ट्स कंपनी ने दिल्ली हाईकोर्ट में आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ बकाया रुपए वापसी के लिए अर्जी दाखिल की है।

रहिति स्पोर्ट्स वह कंपनी है जो धोनी, केएल राहुल, भुवनेश्वर कुमार और साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी फाफ डु प्लेसिस जैसे कई क्रिकेटर्स का मैंनेजमेंट संभालती है। रिपोर्ट के अनुसार, रहिति स्पोर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण पांडे ने इस मामले में कहा कि आम्रपाली द्वारा ब्रांडिंग और मार्केटिंग एक्टिविटीज़ के लिए हमें पैसा नहीं दिया गया। कंपनी को आम्रपाली ग्रुप से करीब 200 करोड़ रुपए वापस लेना है। बता दें कि धोनी 6-7 साल तक आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बेसडर रहे थे, लेकिन साल 2016 में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। धोनी ने ब्रांड एम्बेसडर पद से इस्तीफा इसलिए दिया था, क्योंकि आम्रपाली ग्रुप द्वारा कई हाउसिंग प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं किया गया और लोगों को समय पर उनके घर मुहैया नहीं कराए गए थे।

धोनी 6-7 साल तक आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एम्बेसडर रहे हैं।

इसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स धोनी को काफी ट्रोल कर रहे थे। जिन लोगों ने आम्रपाली ग्रुप के पास घर खरीदने के लिए पैसा जमा करा रखा था, वे धोनी को अपने ट्वीट्स में टैग कर कहते थे कि या तो क्रिकेटर बिल्डर से अलग हो जाएं या फिर उन्हें आश्वस्त कराया जाए कि वे उन्हें घर दिलवा देंगे। वहीं, साल 2011 में भारत ने जब वर्ल्ड कप जीता था तो आम्रपाली ग्रुप द्वारा टीम के प्रत्येक सदस्य को नोएडा एक्सटेंशन में आम्रपाली ड्रीम वैली प्रोजेक्ट के तहत एक-एक विला देने का एलान किया था। आम्रपाली ग्रुप की स्थितियों से परिचित लोगों का कहना है कि जिन विला की बात की गई थी, न तो वे कभी बने और न ही क्रिकेटर्स को तोहफे में दिए गए।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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