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ब्लू व्हेल की तरह ही खतरनाक है ‘Momo’ चैलेंज, WhatsApp के इस नंबर से रहें सावधान
अगर आप सोशल मीडिया के फेसबुक और व्हाट्सऐप पर बहुत समय बिताते हैं, तो सावधान हो जाएं। ब्लू व्हेल चैलेंज के बाद Momo व्हाट्सऐप गेम लोगों की जान पर खतरा बन मंडरा रहा है। ब्लू व्हेल चैलेंज की तरह ही इस चैलेंज ने लैटिन अमेरिकी देशों में लोगों की नींद उड़ा रखी है। यह खतरनाक गेम खासतौर से किशोरों और बच्चों को अपना निशाना बनाने की कोशिश में है। विशेषज्ञों ने दुनियाभर के माता-पिता को चेताया है कि यह व्हाट्सऐप गेम ब्लू व्हेल गेम की तरह घातक साबित हो सकती है।
क्या है Momo चैलेंज – दरअसल, सोशल मीडिया पर एक WhatsApp नंबर वायरल हो रहा है। जिसे Momo चैलेंज बताया जा रहा है। इस नंबर का एरिया कोड जापान का है। दावा किया जा रहा है जो भी इन नंबर से बात करता है, वो सुसाइड करने के लिए मजबूर हो जाता है। कहा जा रहा है कि Momo चैलेंज भी ब्लू व्हेल गेम की तरह ही है और ये भी लोगों को सुसाइड के लिए उकसा रहा है।
कैसे काम करता है ये – मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सबसे पहले यूजर्स को अज्ञात नंबर पर मैसेज करने का चैलेंज दिया जाता है। नंबर सेव करने के बाद इस नंबर से बात करने का चैलेंज दिया जाता है। मैसेज करते ही इस नंबर से यूजर को कई डरावनी तस्वीरें भेजी जाती हैं। इसके बाद यूजर को कुछ टास्क दिए जाते हैं, जिन्हें नहीं करने पर धमकाया भी जाता है।
अर्जेंटीना में 12 वर्षीय बच्ची की मौत – अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में एक 12 साल की लड़की की संदिग्ध मौत के पीछे इसी गेम को माना जा रहा है। पुलिस भी मामले की जांच में जुट गई है। पुलिस को शक है कि किसी ने बच्ची को अपनी जान लेने के लिए उकसाया है।
ब्लू व्हेल ने ली थी कई जान – 130 से ज्यादा जान ब्लू व्हेल की वजह से गई थी। इस गेम के तहत खुद को हर रोज किसी न किसी तरह से नुकसान पहुंचाना होता था। 50वें दिन खुद की जान लेने के साथ यह गेम खत्म होती थी।
सावधान रहें – अभिभावक अपने बच्चों को इस संबंध में जागरूक करें। उनके व्यवहार में हो रहे बदलाव पर ध्यान दें। इस तरह के गेम के खतरों से अवगत कराएं।
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अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा, जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी।
दिल्ली में शराब नीति घोटाले से उपजे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया है। केजरीवाल पहले ही सुप्रीम कोर्ट में कह चुके हैं कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हर लोकतंत्र में जरूरी हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव के समय उनकी गिरफ्तारी लोकतंत्र पर हमला है।
केजरीवाल ने ईडी की कार्रवाई के खिलाफ कहा कि जिस तरह से उन्हें गिरफ्तार किया गया और जिस समय लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें गिरफ्तार किया गया, जब आचार संहिता लागू हो चुकी थी। इससे साफ है कि एजेंसी बिना किसी कारण के जानबूझकर उन्हें परेशान कर रही हैं। चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से ही उनकी गिरफ्तारी हुई है।
तिहाड़ जेल जाने के बाद केजरीवाल अपने स्वास्थ्य को लेकर भी जेल प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। उनका दावा है कि केंद्र सरकार के इशारे पर जेल प्रशासन उन्हें इंसुलिन नहीं दे रहा है, जबकि वह लंबे समय से शुगर के मरीज हैं।
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