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अन्तर्राष्ट्रीय

हवाना में 18वां सिगार फेस्टिवल जल्द

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In the early 18th Havana Cigar Festival

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In the early 18th Havana Cigar Festival

हवाना। सिगार के दीवानों के लिए खुशखबरी है। इस सप्ताह हवाना में 18वां हैबानोस फेस्टिवल शुरू होने जा रहा है।

इस व्यापारिक मेले में पहले की तुलना में अधिक संख्या में अमेरिकी खरीदारों के पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिका ने क्यूबा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में यात्रा और व्यापार प्रतिबंधों में ढील बरती है। इस फेस्टिवल में दुनियाभर से जाने-माने सिगार क्रेता-विक्रेता आते हैं।

इस वार्षिक फेस्टिवल में लगभग 50 देशों के 1,500 लोग आते हैं। पांच दिवसीय फेस्टिवल के तहत तंबाकू के उन खेतों, सिगार कारखानों व का भ्रमण करवाया जाता है, जिन्हें पुरस्कृत किया जा चुका है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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