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आध्यात्म

इन 6 राशियों का बनने जा रहा है राजयोग, होगी हर इच्छा पूरी, मिल सकती है बड़ी खुशखबरी

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हम सभी जानते है कि हमारे जीवन में आने वाले सभी बदलाव का मुख्य कारण ग्रहों की चाल होती है। ज्योतिष की मानें तो ग्रह परिवर्तन कुछ राशियों के लिए शुभ होगा। इस परिवर्तन के बाद जीवन में खुशियों का समय आने वाला है। साथ में ही बड़े लाभ हो सकते है। आइए जानते है इन राशियों के बारे में –

इन राशि वालों का अच्छा समय आने वाला है। आर्थिक लेन-देन में सावधानी बरतनी होगी। व्यापार में आपको बड़ा लाभ प्राप्त होगा। मां लक्ष्मी की कृपा आपको प्राप्त होगी। पैतृक संपत्ति को लेकर कोई विवाद आपके सामने आ सकता है।

किसी समस्या के कारण मानसिक तनाव भी रह सकता है आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। आपके जीवन में एक नए दौर की शुरुआत होगी जो कि आपके भविष्य के लिए काफी लाभकारी सिद्ध होगी। इन राशि के लोगो का आत्मविश्वास बढ़ेगा। यात्रा करने के योग बन रहे है।

इन राशि वालों को आज के दिन में ढेर सारी खुशियां मिलेगी,संतान की ओर से कोई बड़ी खुशखबरी प्राप्त हो सकती हैं। आपके आने वाले दिन धन लाभ के नज़रिए से अत्यंत लाभदायक है। जिन राशियों में यह योग बन रहे है वो राशियां हैं – कुंभ,मकर,मीन,मिथुन,तुला और मेष हैं।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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